उप नगर आयुक्त करेंगे नेतृत्व, सिटी मैनेजर व सहायक अभियंता भी जांच टीम में शामिल
मुजफ्फरपुर.
अहियापुर के श्रीरामनगर मोहल्ले में हुए हादसे में दो मजदूर की मौत के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब अभी मेनहोल का कनेक्शन सीवरेज के किसी पाइप लाइन से हुआ ही नहीं है. फिर, एसटीपी के नजदीक के मेनहोल के अंदर पानी कहां से जमा हो गया. अगर पानी जमा था. तब किस परिस्थिति में एजेंसी ने मजदूरों को अंडरग्राउंड पाइप लाइन कनेक्शन के लिए मजदूरों को नीचे उतारा. 20-30 फीट गहरे मेनहोल में उतारा गया. फिर, सुरक्षा मानकों का ख्याल एजेंसी ने क्यों नहीं रखा. जबकि, सुरक्षा से संबंधित बिंदुओं पर पहले भी कार्य की गुणवत्ता जांचने पहुंची आइआइटी पटना की टीम सवाल उठा चुकी थी. यह लापरवाही एजेंसी के स्तर से बरती गयी है या फिर कार्य की मॉनिटरिंग करने वाले स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट इंचार्ज सहित अन्य अधिकारी भी इसमें शामिल हैं. इस तरह के कई सवाल उठ रहे हैं, जिसका जवाब निर्माण एजेंसी व स्मार्ट सिटी के जिम्मेदार इंजीनियर व अधिकारियों को देना पड़ेगा.सुरक्षा का इंतजाम रहता तो बच सकती थी जान
मृत अरजौल हक का भाई भी स्मार्ट सिटी के सीवरेज प्रोजेक्ट में ही काम करता है. घटना के वक्त वह डेरा पर खाना बना रहा था. दोनों लंबे समय से सीवरेज प्रोजेक्ट में काम कर रहा था. स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना स्थल पर कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं रहने के कारण दुर्घटना हुई. आक्रोशित लोगों ने निर्माण कंपनी के खिलाफ बवाल भी किया . सुबह 11 बजे पांच मजदूर काम के लिए करीब 20 फीट गहरे सीवरेज के मेनहोल में रस्सी व बांस के सहारे नीचे उतरे. कुआं जैसे होल में जहरीली गैस से तीन मजदूर अचेत होकर नीचे गिर गए. दो मजदूर किसी तरह बाहर निकल कर शोर मचाया. दूसरे साथी दौर कर पहुंचे. लेकिन, बचाव कार्य से संबंधित कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण बचाव में देरी हो गया.बचाने के क्रम में मेनहोल में गिरा मिट्टी, दम घुटने से हुई मौत
स्थानीय युवक व कंपनी के अन्य मजदूर रस्सी के सहारे नीचे उतरकर तीन में एक मजदूर को बाहर खींचा. मो सद्दाम की सांस चल रही थी. तत्काल उसे ब्रह्मपुरा के एक निजी अस्पताल ले जाया गया. बचाव कार्य के दौरान ही किनारे की मिट्टी सीवरेज में गिर गयी, जिससे नीचे गिरे दो मजदूर दब गए. इस तरह मेनहोल में ही दोनों की मौत हो गयी. काफी मशक्कत के बाद दोनों का शव निकाला गया. एम्बुलेंस से दोनों को एसकेएमसीएच के इमरजेंसी में ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.जांच करेगी चार सदस्यीय टीम, 48 घंटे में सौपेगी रिपोर्ट
मुजफ्फरपुर. सीवरेज के मेनहोल में दम घुटने से दो मजदूरों की हुई मौत की जांच नगर निगम के अधिकारी व इंजीनियर करेंगे. नगर आयुक्त सह एमडी स्मार्ट सिटी नवीन कुमार ने इसके लिए चार सदस्यीय जांच टीम गठित कर दिया है. 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है. इसके बाद एजेंसी के ऊपर कार्रवाई संभव है. जांच टीम का नेतृत्व उप नगर आयुक्त सोनू कुमार राय करेंगे. टीम में सिटी मैनेजर, सहायक ठोस कचरा अपशिष्ट प्रबंधन पदाधिकारी एवं कनीय अभियंता अभिनव पुष्प को शामिल किया गया है. इधर, नगर आयुक्त नवीन कुमार इस घटनाक्रम से काफी दुखी हैं. कहा कि मृतक के परिवार को उचित मुआवजा एजेंसी से दिलायेंगे. दोषी पर कार्रवाई भी होगी.लापरवाही से अब तक आधा दर्जन लोगों की जा चुकी है जान
स्मार्ट सिटी का कार्य जब से शहर में शुरू हुआ है. तब से आधा दर्जन लोगों की जान जा चुकी है. अब तक निर्माण एजेंसी के तीन मजदूर मिट्टी के अंदर दबने या फिर दम घुटने से मौत हो गयी है. इससे पहले भी सीवरेज की निर्माण में जुटे सीतामढ़ी के एक मजदूर की मौत सिकंदरपुर रानी सती मंदिर के पीछे वाले मोहल्ले में बने अपार्टमेंट के समीप गड्ढे में दबने से हो गयी थी. तब भी कई तरह के सवाल उठे थे. सुरक्षा मानकों का ख्याल रखते हुए निर्माण का आदेश दिया गया, लेकिन आज तक इसका पालन एजेंसी ने नहीं किया. इसके अलावा जुरन छपरा में निर्माण एजेंसी की गाड़ी से दो की मौत कुचलने से हो गयी थी. एक युवक की मौत स्टेशन रोड में निर्माण के कारण ओपन हुए स्ट्रीट लाइट में इलेक्ट्रिक सप्लाई होने वाले तार की चपेट में आने से हो गयी थी.15 से 17 लाख का मिलेगा मुआवजा
नगर आयुक्त नवीन कुमार ने बताया कि निर्माण एजेंसी के द्वारा मृतक के परिवार को तत्काल पांच -पांच लाख रुपये नकद दिया जायेगा, इसके बाद 10 से 12 लाख रुपये भुगतान बीमा कंपनी करेगी. निर्माण एजेंसी काम करनेवाले मजदूरों का बीमा करायी हुई है. प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार दोनों की मौत मेनहोल के अंदर जमे पानी में डूबने से हुई है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है