जल जीवन हरियाली : तालाब, पोखर, आहर व पइन की होगी मैंपिंग और सर्वे
प्राकृतिक जल स्रोत तालाब, पोखर, आहर व पइन अतिक्रमण हटाने को लेकर जी आई सर्वे होगा. अवैध रूप से अतिक्रमण कर लेने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी.
मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुरप्राकृतिक जल स्रोत तालाब, पोखर, आहर व पइन अतिक्रमण हटाने को लेकर जी आई सर्वे होगा. अवैध रूप से अतिक्रमण कर लेने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी. दरअसल, अतिक्रमण खाली कराने के बाद कई जगह तालाब व पोखर की जमीन पर अतिक्रमण करके मकान व दुकान सहित अन्य कोई निर्माण कर लिया है. राज्य सरकार की ओर से सभी डीएम को निर्देश दिया गया है कि कुएं, तालाब और पोखर पर अतिक्रमण करके घर या दुकान बनाने वालों को नियमानुसार नोटिस करते हुए उस पूरे जल क्षेत्र को खाली कराया जाये. पीएचइडी के मुताबिक सभी जिलों में अतिक्रमण का एक बड़ा जल क्षेत्र है. लोगों ने धीरे-धीरे अतिक्रमण कर उसके ऊपर घर बना लिया है. इस कारण से उन इलाकों में वाटर रिचार्ज सबसे कम होता है और भू-जल जल में तेजी से गिरावट हो रही है. जलस्रोत को खोजने के लिए जिलों में गठित होगी. विशेष टीम पीएचइडी अधिकारियों के मुताबिक जिन पंचायतों एवं ब्लॉक में भूजल का स्तर कम हर साल गिरता है. उन जिलों में पानी के स्त्रोत को खोजा जायेगा.
तालाब और पोखर की मैपिंग
तालाब और पोखर की मैपिंग की जायेगी. पीएचइडी और पंचायती राज विभाग ने फरवरी प्रथम सप्ताह से मैपिंग कराने का निर्णय लिया है, ताकि भूजल में होने वाली गिरावट को ठीक किया जा सकें. इसके लिए विभाग आइआइटी छात्रों को जोड़ेगी. यह मैपिंग अगले 60 वर्ष को ध्यान में रख कर की जायेगी. जल जीवन हरियाली योजना के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट को काफी हद तक कम कर लिया गया है. इसके तहत सभी गांव तालाब व पोखरे से आच्छादित हो गए हैं. मनरेगा ने तालाब व पोखरों का जीर्णोद्धार कर नया जीवन देने का कार्य किया है जिससे जहां वर्षा जल संचित हो रहा है. भूगर्भ जल स्तर भी रिचार्ज हो रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है