कम वस्त्र पहनना और अंग्रेजी बोलना ही आधुनिकता की पहचान नहीं : देशपांडेय

कम वस्त्र पहनना और अंग्रेजी बोलना ही आधुनिकता की पहचान नहीं : देशपांडेय

By Prabhat Khabar News Desk | January 13, 2025 8:19 PM

फोटो : माधव :: एमडीडीएम और आरबीबीएम कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम का आयोजन वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के सीनेट सभागार में रामवृक्ष बेनीपुरी महिला महाविद्यालय व एमडीडीएम कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में संवाद सत्र का आयोजन किया गया. राष्ट्र निर्माण में छात्राओं की भूमिका विषय पर आयोजित संवाद की अध्यक्षता कुलपति प्रो.दिनेश चंद्र राय ने की. उन्होंने विश्वविद्यालय की छात्राओं को संयुक्त परिवार की अनूठी संस्कृति को बचाने का आह्वान किया. कहा कि संयुक्त परिवार की धुरी स्त्रियां होती हैं. जो परिवार को बांध कर रखती हैं. वैसे हीं राष्ट्र निर्माण की धुरी भी स्त्रियां हो सकती हैं. मुख्य वक्ता विश्व मांगल्य छात्र सभा की पूर्णकलिक प्रान्त प्रचारक श्रुति देशपांडेय ने कहा कि भारत में सांस्कृतिक नेतृत्व प्रदान करने वाली युवातियों का निर्माण करना ही विश्व मांगल्य छात्र सभा का उद्देश्य है. उनका आदर्श गार्गी मैत्रीई, अहिल्या बाई होल्कर, झांसी कि रानी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कम वस्त्र पहनना और अंग्रेजी बोलना ही आधुनिकता की पहचान नहीं, बल्कि आत्मविश्वास से युक्त होकर अपनी सभ्यता और संस्कृति को आगे बढ़ाना आधुनिकता की पहचान है. तभी विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत, विश्व गुरु भारत की परिकल्पना साकार होगी. अपनी सांस्कृतिक पहचान को बनाये रखने और उसकी अन्तरराष्ट्रीय ब्रांडिंग के लिए उन्होंने युवातियों को आगे आने का आह्वान किया. कार्यक्रम का संचालन डॉ. रेणु बाला व धन्यवाद ज्ञापन सामाजिक विज्ञान की संकायध्यक्ष प्रो.संगीता रानी ने किया. मौके पर विश्वविद्यालय कुलानुशासक प्रो.बीएस राय, गेस्ट हाउस के प्रभारी डाॅ अमर बहादुर शुक्ला, प्रो.रेणु कुमारी, प्रो.पुष्पा कुमारी, डाॅ भारती सेहता, डाॅ रेशमा सिंह, डाॅ अंजली समेत 100 से अधिक छात्राएं मौजूद थीं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version