मुजफ्फरपुर के बेला थाने में तैनात महिला सिपाही ने छुट्टी नहीं मिलने पर जान देने की कोशिश की. उसने कई दवाओं (दर्द, बुखार और एंटी बॉयोटिक) के 50 से अधिक टेबलेट का पानी का घोल बना कर पी लिया. जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गयी. रूम मेट और बेला थाने की पुलिस ने उसे मंगलवार की देर रात सदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने रात में ही एसकेएमसीएच रेफर कर दिया. उसका आइसीयू में इलाज चल रहा है. उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है. परिजन भी पहुंच चुके है. उसका बयान नहीं हो सका है.
महिला सिपाही ने एक सुसाइड नोट भी लिखा है. जिसमें बेला थानेदार हरेंद्र कुमार पर छुट्टी नहीं देने और अभद्र व्यवहार से आहत होकर सुसाइड करने का निर्णय लेने की बात लिखी है. एसएसपी राकेश कुमार ने पूरे मामले की जांच लाइन डीएसपी और एक अन्य डीएसपी से कराने का निर्देश दिया है. वहीं थानेदार का कहना था कि महिला सिपाही की ड्यूटी इंटर परीक्षा में लगी थी. वह पुलिस लाइन में थी. उन्होंने कहा था कि लाइन से ही उसे छुट्टी मिल सकती है.
सिपाही नेहा के भाई निशांत कुमार ने एसकेएमसीएच में बताया कि नेहा उसकी बड़ी बहन है. वह बीते 10 दिनों से अधिक से तनाव में थी. मां के आंख का ऑपरेशन कराना अनिवार्य था. लेकिन, उसे छुट्टी नहीं मिल पा रही थी. जब भी उससे बात होती थी तो वह बतायी थी कि नये थानेदार छुट्टी नहीं देते है और अभद्र व्यवहार भी करते है. गाली भी देते है. इससे वह डरी रहती है और उनके पास छुट्टी लेने नहीं जाती है. मंगलवार की दोपहर को भी वह रो रही थी और यही बातें बोल रही थी. इसकी चर्चा नेहा ने अपने सुसाइड नोट में भी की है.
निशांत ने बताया कि रात करीब 12 बजे के बाद उसे नेहा के रूम मेट ने कॉल किया. नेहा थाना के सामने वाली गली में किराये के मकान में एक अन्य सिपाही के साथ रहती है. बताया कि उसकी बहन ने जहर खा लिया है. हम लोग उसे सदर अस्पताल लेकर जा रहे है. फिर थोड़ी देर बाद बताया कि उसे एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया है. इसके बाद वह मुजफ्फरपुर के लिए निकल गया.
इस घटना के बाद पुलिस महकमे में सनसनी फैल गयी. आनन फानन में नेहा के कमरे की तलाशी ली गयी. जहां से एक ग्लास भी मिला है और कई दवाओं के खाली स्ट्रीप मिले है. जिसे बताया जा रहा है कि नेहा ने अपनी रूम मेट के सोने के बाद खाया था. पेट में तेज दर्द के कराहने पर उसकी रूम मेट की नींद खुली और मामला सामने आया. बताया जाता है कि नेहा अगर नहीं कराहती तो उसकी जान कमरे में ही जा सकती थी.
पुलिस सूत्रों की माने तो एसएसपी राकेश कुमार को इस मामले की जानकारी नहीं दी गयी थी. हालांकि, नगर डीएसपी और अन्य पुलिस पदाधिकारी मामले की छानबीन में जुट गये थे. जब मीडिया ने एसएसपी से सवाल किया तो उन्होंने मामले से अनभिज्ञा जतायी और फिर पुलिस पदाधिकारी से जानकारी लेकर मीडिया को इसकी जानकारी दी.
एसएसपी राकेश कुमार ने कहा है कि डीएसपी रक्षित और एक अन्य डीएसपी इस मामले की जांच करेंगे. जो तथ्य सामने आएगी. उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.