आंवले के वृक्ष को पूजा, सुख-शांति का आशीष मांगा
आंवले के वृक्ष को पूजा, सुख-शांति का आशीष मांगा
अक्षय नवमी पर महिलाओं ने आंवले के वृक्ष के नीचे बनाया भोजन
मुजफ्फरपुर.
शहर में रविवार को अक्षय नवमी आस्था के साथ मनायी गयी. इस अवसर पर महिलाओं ने आंवला वृक्ष की पूजा की. साथ ही भगवान विष्णु की भी पूजा की. इसके बाद आंवला वृक्ष के नीचे ही भोजन भी बनाया. जिसे परिवार के लोगों ने एक साथ ग्रहण किया. आंवला वृक्ष के नीचे भोजन बनाने के लिए कई परिवार पहुंचे थे. कई जगहों पर पिकनिक का माहौल था.आंवला वृक्ष की पूजा कर महिलाओं ने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की. जिनके अहाते में आंवला का पेड़ था, उन लोगों ने वहीं पर खाना भी पकाया. कई मंदिर परिसर में भी आंवला वृक्ष की पूजा की गयी और खिचड़ी का प्रसाद बनाकर लोगों के बीच बांटा गया. बीएमपी छह स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में भी महिलाओं ने आंवला वृक्ष की पूजा की. यहां सुबह से ही महिलाओं की भीड़ लगनी शुरू हो गयी थी. माना जाता है कि आंवले के वृक्ष की पूजा-अर्चना कर दान-पुण्य करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. अन्य दिनों की तुलना में नवमी पर किया गया दान-पुण्य कई गुना अधिक लाभ दिलाता है. आंवले के वृक्ष को विष्णु व शिव का प्रतीक चिह्न मानकर मां लक्ष्मी ने इसकी पूजा की थी. पूजा से प्रसन्न होकर विष्णु व शिव प्रकट हुए. लक्ष्मी माता ने आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन बनाकर दोनों को भोजन कराया था. इसके बाद स्वयं भोजन कीं. जिस दिन यह घटना हुई थी, उस दिन कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि थी. इसी कारण उस समय से यह परंपरा चली आ रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है