पर्यावरण बचाने के लिए लेखकों और कलाकारों ने निकाला मौन जुलूस

पर्यावरण बचाने के लिए लेखकों और कलाकारों ने निकाला मौन जुलूस

By Prabhat Khabar News Desk | October 21, 2024 1:45 AM

दिल्ली के लद्दाख भवन में अनशन कर रहे सोनम वांगचुंग को दिया समर्थन

मुजफ्फरपुर

. पर्यावरण को बचाने की मांग को लेकर विगत 15 दिनों से लद्दाख के रहने वाले पर्यावरण प्रेमी सोनम वांगचुंग एक हजार किलोमीटर की पैदल यात्रा कर दिल्ली के लद्दाख भवन परिसर में आमरण अनशन पर बैठे हैं. उनके अनशन को समर्थन देने के साथ पर्यावरण को बचाने के लिए रविवार को शहर के प्रबुद्ध नागरिकों, साहित्यकारों, कलाकारों और संस्कृतिकर्मियों ने शहीद जुब्बा सहनी पार्क से कल्याणी तक मौन जुलूस निकाला. जुलूस में शामिल लोग विकास के नाम पर पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ बंद करो, मुनाफे के लिए पूंजीपतियों को पर्यावरण को नष्ट करने की छूट देना बंद करो, पर्यावरण विरोधी वन संरक्षण कानून 2023 निरस्त करो, पहाड़- जंगलों में रहने वाले लोगों के अधिकार और संस्कृति की रक्षा हो, पर्यावरण की रक्षा की लड़ाई तेज करें, जीरो कार्बन उत्सर्जन के लिए पहाड़, जंगल और नदी की रक्षा सुनिश्चित करो, कारखाने का कचरा नदी में बहाना बंद करो जैसे नारे लिखे तख्तियां लेकर चल रहे थे. जुलूस की शुरुआत करते हुए समाजवादी नेता हरेंद्र कुमार ने कहा कि पर्यावरण संकट आज वैश्विक समस्या बन गयी है. पर्यावरण संकट के कारण ही बिहार के लोग कहीं भयंकर बाढ़ तो कहीं भयंकर सुखाड़ का सामना कर रहे हैं. कल्याणी चौक पर लोगों को संबोधित करते हुए लेखक वीरेन नन्दा ने कहा कि भारतीय पर्यावरण के लिए फिक्रमंद और लद्दाख के पर्यावरण को बचाने की मुहिम चलाने वाले सोनम वांगचुंग अपने साथियों संग एक हजार किलोमीटर की पैदल यात्रा कर दिल्ली पहुंचे हैं, वे लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने सहित पर्यावरण को बचाने संबंधी अपनी बात राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मिलकर करना चाहते थे, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया. वह अपनी मांग के लिए पिछले कई दिनों से लद्दाख भवन के परिसर में साथियों संग अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हैं. उन्हें समर्थन देने के लिए जब दिल्ली के लोग भी अनशन स्थल पर जाना चाहे तो पुलिस ने उन समर्थकों को हिरासत में ले लिया. मौन जुलूस में कामेश्वर प्रसाद दिनेश, संजय प्रधान, अर्जुन कुमार, चंद्रमोहन प्रसाद, बैजू कुमार, रामेश्वर शाह, दिनेश सिंह, मो वकील अहमद, चंद्रभूषण तिवारी, काशीनाथ सहनी, डाॅ माधव भक्त, कालीकांत झा, पवन राय, लालबाबू राय, विपिन ठाकुर, संजीत माझी, उदय कुमार झा, बिंदेश्वर पंडित, राजकुमार राम, कौशल भक्त, सुमंत कुमार,विकास कुमार, सिंधु कुमारी, आशुतोष कुमार, रूपा कुमारी, विजय कुमार, शिवकुमार यादव, तरन्नुम खातून व राजू कुमार शामिल थे.

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