न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने सुनाया है फैसलाजिला पुलिस व सीआइडी के फेल होने पर सीबीआइ को सौंपा केस
मुजफ्फरपुर.
शहर की चर्चित एमबीए छात्रा यशी सिंह अपहरण की जांच सीबीआइ को सौंपे जाने के बाद भी हाइकोर्ट केस की मॉनिटरिंग करेगी. केस की अगली सुनवाई 18 अक्तूबर को होगी. इसमें सीबीआइ को कोर्ट में प्रस्तुत होकर अपना पक्ष रखेगी. केस से संबंधित प्रोग्रेस रिपोर्ट बताएगी. हाइकोर्ट में वादी पक्ष के अधिवक्ता अरविंद कुमार ने बताया कि मुजफ्फरपुर पुलिस व सीआइडी की जांच के बाद भी यशी सिंह का कोई सुराग नहीं मिलने के बाद हाइकोर्ट काफी सख्त है. न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने बीते 20 सितंबर को यशी सिंह अपहरण कांड की सुनवाई करते हुए 23 बिंदुओं पर फैसला सुनाया था. इसमें अंतिम बिंदु पर 18 अक्टूबर को दोपहर 2:15 बजे केस की सुनवाई की अगली तिथि निर्धारित की है. इसमें सीबीआइ को अपना पक्ष रखना होगा. केस की प्रोग्रेस रिपोर्ट देनी होगी. हाइकोर्ट ने सीबीआइ को केस ट्रांसफर करते हुए सीआइडी को आदेश दिया था कि अगले दो सप्ताह में यशी सिंह अपहरण कांड से संबंधित सभी फाइल व साक्ष्य सीबीआइ को सौंप दे. जानकारी हो कि हाइकोर्ट में 20 सितंबर को यशी सिंह अपहरण कांड की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने फैसला सुनाया था. उन्होंने बताया था कि सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सीआइडी से केस की प्रगति रिपोर्ट जानना चाहा तो सीआइडी के डीआइजी दलजीत सिंह जो व्यक्तिगत रूप कोर्ट में मौजूद थे. उन्होंने कहा कि सभी प्रयासों के बावजूद इस कांड में कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हो पायी है. अपहृत एमबीए छात्रा यशी सिंह का पता नहीं चल पाया है.पीड़ित लड़की के साथ क्या हुआ, यह भी अभी तक पता नहीं चल पाया है. शायद न्यायालय समझ सकता है कि अब वे अन्य एजेंसियों और गृह मंत्रालय से प्राप्त होने वाली सूचनाओं पर निर्भर है. न्यायालय में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा था कि सीआइडी को पर्याप्त समय दे दिया गया है. अब तक की जांच से यह प्रतीत हो रहा है कि मामला उसी स्थान पर खड़ा है. इसीलिए न्यायालय न्याय के हित में इस केस को सीबीआइ को सौंपी जाए. सीआइडी को केस से संबंधित सभी रिकॉर्ड सीबीआइ को सौंपने का आदेश दिया था.
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