-रिटायर्ड बैंक मैनेजर का बेटा था मुकेश-पिता और भाई पर हत्या करने का आरोप
-नगर थाना क्षेत्र के दीवान रोड की घटना-पिता, भाई व छोटी बहू को हिरासत में लिया-एफएसएल की टीम ने मौके से जुटाए साक्ष्य-पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम के लिए भेजामुजफ्फरपुर. दीवान रोड में रिटायर्ड बैंक मैनेजर जगदीश चौधरी के बेटे मुकेश कुमार (36) की सोमवार सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में जिंदा जलने से मौत हो गयी. शव कमरे में स्टील की पलंग पर पड़ा हुआ था. पलंग के नीचे केरोसिन का डिब्बा मिला है. मुकेश की मौत की सूचना मिलने के बाद मिठनपुरा के चूना भट्टी रोड स्थित ससुराल से पत्नी प्रिया चौधरी, ससुर सोहन चौधरी समेत एक दर्जन लोग घटनास्थल पर पहुंच गये. जगदीश चौधरी व मुकेश के भाई दीपक पर जिंदा जलाकर मारने का आरोप लगाते हुए उन लोगों ने हंगामा किया. इस दौरान जगदीश के साथ मारपीट भी की गयी.
नगर थानेदार शरत कुमार ने जहां मुकेश की मौत हुई थी, वहां जाकर छानबीन की. जांच के लिए एफएसएल की टीम को बुलाया. टीम ने कमरे से साक्ष्य जुटाये. पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए शव भेज दिया.पुलिस ने जगदीश चौधरी, दीपक व देवरानी को हिरासत में लिया है. मृतक की पत्नी प्रिया ने पति की हत्या का आरोप लगाकर थाने में लिखित शिकायत दी है. नगर थानेदार ने बताया कि परिजन ने लिखित शिकायत दी है. वरीय पदाधिकारी के मार्गदर्शन में आगे की कार्रवाई करेंगे.पत्नी हो रही थी बेहोश, बेटा खोज रहा था पिता
पति की मौत की खबर मिलने के बाद प्रिया बार-बार बेहोश हो रही थी. जब भी वह होश में आती मुकेश को ढूंढ़ती. उसकी मां व बहन का भी रो- रोकर बुरा हाल था. प्रिया की शादी पांच साल पहले हुई थी. उसके ससुर जगदीश ने उसके पिता सोहन का मकान गिरवी रखवा कर दहेज लिया था. शादी के बाद से ही ससुर उसे प्रताड़ित कर रहा था. पति पुणे में एक फाइव स्टार होटल में नौकरी करता था. इसके बाद भी उसको रुपये नहीं देने देता था.घर से निकाला, पति से नहीं करने देते थे बात
प्रिया का आरोप है कि ससुर व देवर हमेशा प्रताड़ित करते थे. उसके ऊपर उनकी गलत नजर थी. छह माह पहले पति मुकेश चौधरी के बीमार होने से नौकरी छूट गयी. दो माह पहले दोनों आरोपियों ने उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया. एक माह से पति से बातचीत नहीं करने दे रहे थे. आरोपियों ने उसके पति को केरोसिन छिड़क कर जिंदा जला दिया. जब वह पहुंची तो देवर व देवरानी कमरा को अंदर से बंद करके रखे हुए था.पुलिस अभिरक्षा में पिता व भाई ने किया अंतिम संस्कार
मुकेश के शव का अंतिम संस्कार कराने के लिए ससुराल वाले जिद पर अड़े थे. लेकिन, वरीय पदाधिकारियों के आदेश पर नगर थानेदार ने पुलिस अभिरक्षा में मृतक के पिता व भाई को अंतिम संस्कार के लिए भेजा.मॉर्निंग वॉक के लिए साथ में जिला स्कूल गया था बेटा
पुलिस को दिये बयान में जगदीश ने बताया कि मुकेश उनके साथ मॉर्निंग वॉक के लिए जिला स्कूल गया था. वहां से लौटते समय देवी मंदिर में दर्शन किये. इसके बाद घर आने पर वे दूध लाने चले गये. वापस लौटे तो एक रेंटर ने बताया कि बाथरूम के पास शॉर्ट सर्किट हो रहा है. वह शॉट सर्किट ठीक कर रहे थे कि कमरे से धुआं दिखाई दिया. वह दौड़कर गये. बाहर का गेट बंद था. उसको ईंट से तोड़ा. अंदर का दरवाजा खुला हुआ था. कमरे में घुसे तो पूरा धुआं भरा हुआ था. बेटा बेड पर जला हुआ पड़ा था. छोटे बेटे को आवाज दी तो उसने आकर पानी डाला. तब तक जलने से मुकेश की मौत हो चुकी थी. फिर, इसकी सूचना उसके ससुर को दी गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है