वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
सख्ती तो बढ़ायेंगे, लेकिन सड़क सुरक्षा की खामियां दूर नहीं करायेंगे. शहर की ट्रैफिक सिस्टम कुछ इसी तरह चल रही है. इसका खामियाजा पब्लिक को उठाना पड़ रहा है. नयी व्यवस्था के तहत ट्रैफिक पुलिस यातायात नियम तोड़ने पर स्मार्ट सिटी के इंट्रीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर (आइसीसीसी) के जरिये रोजाना एक हजार से अधिक वाहनों का चालान काटी जा रही है. यही नहीं, लगभग सभी चौराहे पर ट्रैफिक रूल्स तोड़ने को लेकर चालान कटने के अलावा और किस-किस तरह की कार्रवाई पुलिस व परिवहन विभाग कर सकती है. अनाउंसमेंट के माध्यम से इसका भी प्रचार-प्रसार हो रहा है. लेकिन, प्रमुख चौराहों और ट्रैफिक सिग्नल पर सड़क सुरक्षा व ट्रैफिक पालन के संकेतक (जेब्रा क्रॉसिंग) को दुरुस्त कराने की फिक्र किसी को नहीं है. कई चौराहे पर लगी लाइट की टाइमिंग भी खराब हो गयी है. इसके अलावा सड़क की जर्जर हालत व ऊंच-नीचे गड्ढे और जलजमाव के कारण अधिकतर चौराहे से जेब्रा क्रॉसिंग खत्म हो गयी है. इससे बाइक व कार चालक सिग्नल पर रुके बिना चौराहे पार कर जा रहे हैं. इससे ट्रैफिक पुलिस बिना हेलमेट, सीट बेल्ट, ओवर स्पीड, ओवर लोडिंग के साथ-साथ ट्रैफिक लाइट जंप करने पर दोगुने चालान काट रही है.
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