तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के टीएनबी कॉलेज व मारवाड़ी कॉलेज की नैक से ग्रेडिंग वर्ष 2020 में ही समाप्त हो चुकी है. ऐसे में केंद्र सरकार से मिलने वाला ग्रांट अब नहीं मिल रहा है. जबकि विवि के कुछ अंगीभूत कॉलेज को नैक से मूल्यांकन नहीं होने पर ग्रांट मिलना बंद है. विवि के एक अधिकारी के अनुसार नैक से मूल्यांकन होने के बाद केंद्र सरकार से ग्रांट के साथ-साथ कई स्कीम के तहत राशि आवंटित की जाती है. इसके तहत कॉलेज के विकास के लिए केंद्र सरकार की एजेंसी से भवन, लैब, पुस्तकालय आदि के लिए राशि आवंटित होती है. वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा ही कॉलेज व विवि को विकास कार्य व वेतन संबंधित राशि आवंटित की जा रही है.
नैक मूल्यांकन नहीं होने से छात्रों की बढ़ सकती है परेशानी
विवि के अधिकारी के अनुसार नैक मूल्यांकन नहीं होने से कॉलेज का विकास नहीं होगा. इससे छात्रों की परेशानी बढ़ सकती है. लैब, लाइब्रेरी, हॉस्टल, क्लास रूम अपडेट नहीं हो पायेंगे. नयी किताबों की खरीद नहीं हो पायेगी. इसके अलावा कॉलेज का आधारभूत संरचना का काम आगे नहीं बढ़ पायेगा.
नैक मूल्यांकन के बाद कॉलेज को मिले थे चार करोड़ – प्राचार्य
मारवाड़ी कॉलेज के प्राचार्य डॉ केसी झा ने कहा कि नैक मूल्यांकन के बाद सरकार से कॉलेज को चार करोड़ रुपये मिले थे. उस राशि से पुस्तकालय व गर्ल्स कॉमन रूम बनान के लिए राज्य सरकार के आधारभूत संरचना निगम को काम सौंपा गया है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में ही कॉलेज की नैक से ग्रेडिंग समाप्त हो गयी है. नैक की तैयारी को लेकर एक्यूएआर तैयार कर लिया गया है. अब आगे की प्रक्रिया की जा रही है.
कॉलेज का एसएसआर अपलोड किया जाना है- पूर्व प्राचार्य
टीएनबी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ संजय कुमार चौधरी ने कहा कि कॉलेज के नैक से होने वाले मूल्यांकन को लेकर एसएसआर अपलोड किया जाना है. इससे पहले कॉलेज ने एक्यूएआर नैक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. कॉलेज का पूर्व में नैक से मूल्यांकन होने के बाद सरकार से दो करोड़ रुपये कॉलेज के विकास के लिए प्राप्त हुआ था. राज्य सरकार के आधारभूत संरचना निगम से उस राशि से काम कराया जायेगा. उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में ही नैक से कॉलेज की ग्रेडिंग समाप्त हो गयी थी.