Nagar Nigam Election … मैं वार्ड से खड़ा हूं, एक बार आशीर्वाद दीजिये, कसम से गली में पानी नहीं लगने दूंगा. … चाची कहती है, नगर निगम मोहल्ले से मच्छर तक नहीं भगा पा रहा है, बच्चे मच्छरदानी में पढ़ते है, तुम पानी कैसे निकालोगे.. कसम से चाची यकिन मानिये जीतते ही दो माह में शहर से मच्छर का सफाया हो जायेगा. … उम्मीदवार आगे बढ़ता है, एक बुजुर्ग ने कहा. स्ट्रीट लाइट देख रहे हो बेटा, पिछले दो महीनें से खराब है. कुछ नहीं करना है, खाली स्वीच बदलना है. कसम से यह तो जीतने के दिन ही बदलवा देंगे बाबा, चिंता मत करिये. समर्थक के साथ उम्मीदवार आगे बढ़ते है. कुछ एकांत में पहुंच कर सिर पर हाथ रख, अपने साथ घूम रहे साथियों को कहते है. भाई.. लगातार हम कसम खाये जा रहे.. पूरा अनपच हो गया है. तुम लोग खाली मुंह देखता है, हार गये तो कुछ दिन के लिये कहीं धाम पर जाने के सिवा कोई चारा नहीं है. वैसे भी कलश स्थापन के साथ माता की पूजा शुरू हो गयी है. कम से कम नौ दिन तो झूठी कसमें नहीं खाऊंगा, क्या पता कुछ गड़बड़ हो जाये. पत्नी भी कह रही है, झूठी कसम खा रहे हैं, कुछ हुआ तो फिर देख लीजियेगा.. क्या होगा. इन दिनों नगर निगम चुनाव को लेकर घर-घर पहुंच कर नेताजी हर दुख-सुख में साथ निभाने की कसमे खा रहे है. हालांकि लगातार रोज कसमे खाने से नेताजी भी हांफने लगे है.
नेताजी गली-गली घुमकर जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं. इसके साथ ही, चुनाव में मॉडर्न टेक्नोलॉजी की भी खूब इस्तेमाल किया जा रहा है. नेताजी का पूरा परिवार दिनभर मोबाइल एप से चिपक कर प्रचार अभियान चला रहा है. युवा वोटरों को साधने के लिए सोशल मीडिया से बेहतर कोई प्लेटफॉर्म नहीं है. नेताजी टेलिकालिंग की भी मदद ले रहे हैं.