राज्य के 17 नगर-निगमों में इस बार मेयर, डिप्टी मेयर और पार्षदों के परिणाम चौंकाने वाले हैं. गया को छोड़कर 16 शहरों की कमान महिलाएं ही संभालेंगी, जबकि नौ ही सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व थीं. महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों को छोड़ दें, तो छपरा, बिहारशरीफ, मुंगेर, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी और सीतामढ़ी की भी मेयर महिलाएं ही बनी हैं. 27 नगर पंचायतों में महिलाएं मुख्य पार्षद बनीं हैं, जबकि 20 महिलाओं को जनता ने उप मुख्य पार्षद बनाया है. अररिया जिले के नरपतगंज नगर पंचायत में मेडिकल की स्टूडेंट सन्नू कुमारी ने मुख्य पार्षद का चुनाव जीत लिया है.
इस चुनाव की एक और खास बात यह रही कि कई बड़े चेहरों को हार का सामना करना पड़ा. पूर्व डिप्टी सीएम सह बेतिया विधायक रेणु देवी की बहू मेयर पद का चुनाव हार गयीं. वहीं, चनपटिया से भाजपा विधायक उमाकांत सिंह की भाभी को भी हार का सामना करना पड़ा. जीतनराम की बहू भी चुनाव नहीं जीत पायीं. इसी तरह राजद के एमएसली रहे आजाद गांधी की बेटी पटना में डिप्टी मेयर का चुनाव हार गयीं. शुक्रवार को 23 जिलों के 17 नगर निगम क्षेत्रों सहित सभी नगर निकायों का रिजल्ट आया. कुछ जगहों को छोड़ कर मतगणना शांतिपूर्ण हुई. बेगूसराय और सीतामढ़ी में प्रत्याशियों के समर्थकों ने कुछ देर के लिए हो हल्ला किया, जिसे पुलिस ने बाद में शांत करा दिया.
दूसरे चरण में 17 मेयर पदों के लिए 358 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. राजधानी पटना का मेयर पद इस बार महिलाओं के लिए सुरक्षित रखा गया था. सबसे ज्यादा उम्मीदवार इस बार पटना से ही किस्मत आजमा रहे थे, जबकि बेतिया और भागलपुर में सबसे कम उम्मीदवार थे. पटना में मेयर के पद के लिए 32 प्रत्याशी थे. सीतामढ़ी नगर निगम क्षेत्र में 30 प्रत्याशी के बीच मुकाबला था. वहीं, सासाराम, मुंगेर और गया नगर निगम क्षेत्र में 29-29 प्रत्याशियों मैदान में थे. पूर्णिया नगर निगम में 27 मेयर प्रत्याशी मैदान में रहे. पटना में मेयर पद पर सीता साहू की जीत हुई है. उन्होंने डॉक्टर महजबीं को कड़े मुकाबले में हराया. डिप्टी मेयर का चुनाव रेशमी चंद्रवंशी ने जीता. उन्होंने अंजना गांधी को हराया. राज्य में सबसे ज्यादा वोटों से जीतने का रिकॉर्ड इस बार गरिमा सिकारिया ने बनाया है. बेतिया की मेयर बनीं गरिमा ने अपने रजिया बेगम को 63 हजार 2 सौ 58 वोटों से हराया. उन्हें 73 हजार 7 सौ 48 वोट मिले थे.
गया के लोगों ने इस बार नगर निगम की सफाईकर्मी रह चुकी चिंता देवी डिप्टी मेयर बनाया है. चिंता देवी 2020 में नगर निगम की सफाईकर्मी पद से रिटायर्ड हुईं थीं. इसके बाद उन्होंने यहां के केदारनाथ मार्केट में सब्जी भी बेची. इस बार के चुनाव में उन्हें डिप्टी मेयर का पद रिजर्व होने की जानकारी मिली, तो नामांकन कर दिया
1995-2000 के बीच लालू प्रसाद के मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री रहे रामश्रय सहनी समस्तीपुर के वार्ड 38 ले पार्षद का चुनाव जीत गये हैं.