वोट मांगकर हमें शर्मिंदा न करें, दरभंगा के इस मोहल्ले में लगा दिया गया है ये बोर्ड, जानें पूरा मामला
बिहार में नगर निकाय के दूसरे चरण का मतदान होना है. पटना समेत कई शहरों में उम्मीदवार घर-घर जाकर वोट की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन दरभंगा में एक मोहल्ला ऐसा है जहां उम्मीदवारों से बात तक करने को कोई मतदाता तैयार नहीं है.
दरभंगा. बिहार में नगर निकाय के दूसरे चरण का मतदान होना है. पटना समेत कई शहरों में उम्मीदवार घर-घर जाकर वोट की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन दरभंगा में एक मोहल्ला ऐसा है जहां उम्मीदवारों से बात तक करने को कोई मतदाता तैयार नहीं है. मामला दरभंगा नगर निगम के वार्ड नंबर-42 और 43 का है. शहर बंगाली टोला स्थित इस वार्ड के मतदाताओं ने बोर्ड लगा कर उम्मीदवारों को माहल्ले में आने से मना कर दिया है. बोर्ड में लिखा हुआ है कि ‘वोट मांग कर हमें शर्मिंदा ना करें’, निवेदक असंतुष्ट मतदाता.
कोई नहीं करता उम्मीदवारों से बात
लोगों में नाराजगी इतनी है कि कोई उम्मीदवारों को सुनना तो देर देखना तक नहीं चाहता है. वार्ड में प्रत्याशियों के आने वाले प्रचार वाहन को भी रोक दिया गया है. मोहल्ले की सीमा से ही उन्हें लौटा दिया जाता है. अगर कोई उम्मीदवार मोहल्ले में आ भी जाता है तो कोई उससे न बात करता है न कोई दरबाजा खोलता है. उदास होकर उम्मीदवार हाथ जोड़े मोहल्ला से लौट जाता है.
दो वार्डों में विभाजित है मोहल्ला
दरअसल इस मोहल्ले का भूगोल ऐसा है कि कोई वार्ड पार्षद यहां विकास का कोई काम नहीं करना चाहता है. लोगों का कहना है कि यह मोहल्ला 2 वार्ड की सीमा में आता है. यही कारण है कि दोनों में से कोई भी वार्ड पार्षद इस मोहल्ले में काम करना नहीं चाहते हैं, लेकिन चुनाव के वक्त वोट मांगने के लिए चले आते हैं. इस बार हम लोग दोनों वार्ड के उम्मीदवारों को वोट नहीं देंगे.
वर्षों से मोहल्ले में नहीं हुआ कोई विकास का काम
मतदाताओं के बीच इस नाराजगी का कारण माहल्ले की लगातार हुई उपेक्षा है. लोगों का कहना है कि सड़क और नाले को लेकर इस मोहल्ले में कोई काम नहीं हुआ है. लंबे समय यहां के लोग सड़क और नाले की समस्या से जूझ रहे हैं. कई बार वार्ड पार्षदों से इसकी शिकायत की, लेकिन समस्या का हल नहीं निकला. हर बरसात में जलजमाव यहां की स्थिति को नरक बना देता है.
24 हजार जमा कर बनायी सड़क
मोहल्ले के लोगों का कहना है कि कई बार वार्ड पार्षदों को कहते कहते थक गए, जब कोई सुनने वाला नहीं हुआ तब खुद से ही हम लोगों ने चंदा इकट्ठा करके सड़क की रिपेयरिंग करवा दी. हम लोगों ने मिलकर के वर्षों से जर्जर सड़क की मरम्मत करवायी है. इसमें 24 हजार का खर्च आया है. जब सड़क और नाले का काम हमें खुद चंदा जमा कर के करना है तो इन लोगों को वोट किस बात के लिए दिया जाये.