गोपालगंज में बनायी जायेंगी नक्षत्र, नवग्रह और मोक्ष वाटिकाएं, 10 करोड़ होगा खर्च
दिल्ली से गुवाहाटी को जोड़ने वाले एनएच 27 के किनारे होने के कारण यह पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होगा. पर्यटकों के आने से क्षेत्र का विकास तो होगा ही, आसपास के लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
प्रमोद तिवारी, गोपालगंज. मोक्षदायिनी नारायणी के किनारे 10 करोड़ की लागत से इस साल नक्षत्र, नवग्रह और मोक्ष वाटिकाओं का निर्माण कार्य शुरू होगा. बाते दें कि डुमरिया सेतु के पास नारायणी रिवर फ्रंट का निर्माण कार्य 7.37 करोड़ की लागत से पूरा हो चुका है. जिले के इस ऐतिहासिक प्रोजेक्ट में और भी अभी काम होना बाकी है. इसे इस साल पूरा होने की उम्मीद है.
बता दें कि नारायणी नदी और डुमरिया घाट का आध्यात्मिक और वैदिक इतिहास रहा है. प्रति वर्ष कार्तिक नहान को लेकर हजारों की भीड़ डुमरिया में पहुंचती है. अब इस घाट को बेहतर लुक देते हुए श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधा भी रिवर फ्रंट के तहत तैयार की गयी है.
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और बैकुंठपुर के पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी के अनुसार रिवर फ्रंट की बगल में 3.5 करोड़ की लागत से पारंपरिक और विद्युत शवदाह गृह का निर्माण कार्य इसी साल शुरू होगा. इसके अलावा यहां रिवर फ्रंट तक जाने के लिए एक सड़क का भी निर्माण कराया जाना है. साथ ही 50 लाख की लागत से शिव मंदिर का निर्माण कार्य भी पूरा होगा.
बता दें कि डुमरिया में नये पूल का कार्य पूरा करने के लिए टेंडर की प्रक्रिया हो चुकी है. ऐसे में आस्था और अंत्येष्टि की स्थली डुमरिया का नारायणी घाट अब पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हो जायेगा. डुमरिया में बना नारायणी रिवर फ्रंट उत्तर बिहार में पहला है.
दिल्ली से गुवाहाटी को जोड़ने वाले एनएच 27 के किनारे होने के कारण यह पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होगा. पर्यटकों के आने से क्षेत्र का विकास तो होगा ही, आसपास के लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
डुमरिया का विकास एक ड्रीम प्रोजेक्ट के समान
बैकुंठपुर के पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी ने कहा कि क्षेत्र के विकास की कड़ी में मेरे लिए डुमरिया का विकास एक ड्रीम प्रोजेक्ट के समान है. मांग के अनुरूप पहले फेज का काम पूरा हो गया है. विद्युत शवदाह गृह बनाने के लिए टेंडर की प्रक्रिया भी हो गयी है.
ग्रामीण क्षेत्र में बनने वाला देश का पहला रिवर फंट है, जो जिले के लिए एक कीर्तिमान होगा. मेरा प्रयास है कि इस स्थल की पहचान देश स्तर पर हो. आने वाले भविष्य में डुमरिया घाट में विदेशी पर्यटक भी पहुंचेंगे.