जिले में खुलेंगे दो नये अस्पताल

बिहारशरीफ : पशुपालकों के लिए अच्छी खबर है.गांव,देहातों व कस्बों में रहने वाले पशुपालकों को मिलेगी बेहतर सुविधाएं. यानी कि उन्हें बीमार पशुओं के इलाज कराने के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी. जिले में पशुधन की सेहत को स्वस्थ रखने के लिए सरकार की ओर से ठोस कदम उठाया गया है. यह तोहफा विभाग व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 28, 2017 8:26 AM
बिहारशरीफ : पशुपालकों के लिए अच्छी खबर है.गांव,देहातों व कस्बों में रहने वाले पशुपालकों को मिलेगी बेहतर सुविधाएं. यानी कि उन्हें बीमार पशुओं के इलाज कराने के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी. जिले में पशुधन की सेहत को स्वस्थ रखने के लिए सरकार की ओर से ठोस कदम उठाया गया है.
यह तोहफा विभाग व सरकार की ओर से जिले के सिलाव व बेन प्रखंडवासियों को मिलने वाला है. बहुत जल्द ही इन प्रखंडों में दो नये पशु अस्पताल खोले जायेंगे. इस कार्य को मूर्तरूप देने की सभी प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है. संभावना है कि निकट भविष्य में उक्त प्रखंडों के चयनित गांवों में पशु औषधालय काम करने लगेगा.
इस तरह जिले में पशु चिकित्सा व्यवस्था और थी सुदृढ़ होगी. इस व्यवस्था को और सबल बनाने के उद्देश्य से ही ठोस कदम उठाया गया है.
सरकार व पशुपालन विभाग की कार्ययोजना के तहत जिले के सिलाव व बेन प्रखंड क्षेत्रों में एक-एक नये प्रथम श्रेणी पशु औषधालय खुलेंगे. जहां बेन प्रखंड के जनारो गांव तो सिलाव प्रखंड क्षेत्र के सारिलचक गांव वासियों को औषधालय के तौर पर तोहफा मिलने वाला है.
इस तरह इन प्रखंडों के उक्त गांव के लोगों के पशुओं का इलाज कराना आसान तो होगा ही साथ ही इन गांव के आसपास के दर्जनों गांव के पशुपालक भी इससे लाभांवित होंगे. यानी कि आसपास के पशुपालक अपने बीमार पशुओं का इलाज इन अस्पतालों में आकर सहज रूप से करा सकेंगे.सिलाव प्रखंड क्षेत्र के सारिलचक में नवनिर्मित पशु औषधालय बनकर पूरी तरह से तैयार है.यह अस्पताल विभिन्न आधुनिक सुविधाओं से लैस है.अस्पताल में पदस्थापित डॉक्टरों के लिए रहने के लिए आवास भी बनाया गया है.
साथ ही किचेन का निर्माण किया गया है.रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था भी सरकार की ओर से गयी है.यानी कि बिजली कनेक्शन तो लिया ही गया है.यदि बिजली गुल हो गयी तो भी अस्पताल में पदस्थापित डॉक्टर व कर्मियों को चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.बिजली कटने की स्थिति से निपटने के लिए वैकल्पिक तौर पर जेनरेटर की व्यवस्था की गयी है.
यानी की बिजली गुल हुई तो जेनरेटर के माध्यम से अस्पताल परिसर में बिजली की सप्लाई होगी.इन अस्पतालों में आने वाले बीमार पशुओं की चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए पशु चिकित्सा पदाधिकारी व स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती जिला पशुपालन विभाग की ओर से की गयी है.ताकि अस्पताल का शुभारंभ होते ही पशुओं का इलाज सहज रूप से शुरू हो सके.
उक्त दोनों पशु अस्पतालों में फिलहाल एक-एक पशु चिकित्सक व कर्मी काम करेंगे.पशुधन की चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए आवश्यक जीवनरक्षक दवाइयां भी उपलब्ध होंगी.चिकित्सक पशुओं का इलाज कर जरूरत के मुताबिक नि:शुल्क दवा उपलब्ध करायेंगे.उक्त दोनों अस्पताल के शुभारंभ हो जाने के बाद जिले में पशु औषधालयों की संख्या 37 हो जायेगी.अभी जिले के विभिन्न प्रखंडों में 35 अस्पताल संचालित हो रहे हैं.

Next Article

Exit mobile version