पल्स पोलियो कार्यक्रम का ग्रामीणों ने किया बहिष्कार

आक्रोश. मुरदलीचक गांव में मूलभूत सुविधाओं की मांग नगरनौसा : प्रखंड के अरियावां पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर 11 मुरदलीचक गांव में मंगलवार के दिन गांव में मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर ग्रामीणों ने पल्स पोलियो कार्यक्रम का बहिष्कार किया. इधर ग्रामीण द्वारा पल्स पोलियो कार्यक्रम का बहिष्कार की सूचना मिलते ही पूरे स्वास्थ्य महकमा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 5, 2017 6:15 AM

आक्रोश. मुरदलीचक गांव में मूलभूत सुविधाओं की मांग

नगरनौसा : प्रखंड के अरियावां पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर 11 मुरदलीचक गांव में मंगलवार के दिन गांव में मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर ग्रामीणों ने पल्स पोलियो कार्यक्रम का बहिष्कार किया. इधर ग्रामीण द्वारा पल्स पोलियो कार्यक्रम का बहिष्कार की सूचना मिलते ही पूरे स्वास्थ्य महकमा से लेकर प्रखंड कार्यालय तक खलबली मच गयी. ग्रामीण अरुण प्रसाद, रामेश्वर महतो, संजय कुमार, सुरेंद्र प्रसाद, कृष्णा प्रसाद, शैलेंद्र कुमार, शशिभूषण प्रसाद, कमलेश प्रसाद, शत्रुघ्न मांझी, श्रवण मांझी सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पिछले दो दशक से कोई विकास का कार्य नहीं हुआ है.
जिससे गांव में मूलभूत सुविधाओं की घोर कमी है. आने जाने के लिए कोई समुचित व्यवस्था नहीं है. गांव में न ही सड़क है न ही गांव में पक्की गली न गांव से गंदा पानी निकासी के लिए समुचित नाली की व्यवस्था है. ग्रामीणों को शुद्ध जल मिलने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है. बारिश के मौसम में सबसे अधिक परेशानी का समाना करना पड़ता है. गांव के गलियों में बारिश के मौसम में पानी जमा हो जाता है. जनप्रतिनिधि सिर्फ आश्वान दिया करते हैं. इस कारण मजबूर होकर सरकारी कार्यक्रम का बहिस्कार करना पड़ता है.
आठ दिनों में काम शुरू कराने का आश्वासन
जब मुरदलीचक के ग्रामीणों ने गांव में मूलभूत सुविधाओं के मांग को लेकर जब पल्स पोलियो कार्यक्रम का बहिष्कार किया तो इसकी सूचना मिलते ही प्रखंड के अधिकारियों का गांव में आना शुरू हो गया. गांव में सबसे पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डाॅ कृष्ण कन्हैया पहुंच कर ग्रामीणों को समझाबुझा कर बच्चों को पोलियों खुराक पिलाने का आग्रह किया. साथ ही बच्चों को पोलियो खुराक पिलाने व न पिलाने से होने वाले नुकसान के बारे में भी बताया. उसके बाद बीडीओ अरबिंद कुमार, सीओ कुमार विमल प्रकाश ग्रामीणों को समझा बुझा कर गांव के समस्या को दूर करने को आठ दिन के अंदर काम शुरू करवाने का आश्वासन दिया. जिसके बाद ग्रामीणों ने अपने-अपने बच्चा को पल्स पोलियो की खुराक पिलाना शुरू किया.

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