स्कूल में न पर्याप्त शिक्षक,न ही कमरे

आरोप. हाल राजकीय कन्या उच्च विद्यालय सोहसराय का, मामले को ले विभाग बेखबर भेड़-बकरियों की तरह छात्राएं बैठने को मजबूर बुनियादी सुविधाएं भी नदारद बिहारशरीफ : राजकीय कन्या उच्च विद्यालय सोहसराय दूर से ही खंडहर में तब्दील नजर आ रहा है. नजदीक जाने पर पुराने भवन ध्वस्त नजर आये, जबकि ईंट व लोहे के सरिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 13, 2017 4:03 AM

आरोप. हाल राजकीय कन्या उच्च विद्यालय सोहसराय का, मामले को ले विभाग बेखबर

भेड़-बकरियों की तरह छात्राएं बैठने को मजबूर
बुनियादी सुविधाएं भी नदारद
बिहारशरीफ : राजकीय कन्या उच्च विद्यालय सोहसराय दूर से ही खंडहर में तब्दील नजर आ रहा है. नजदीक जाने पर पुराने भवन ध्वस्त नजर आये, जबकि ईंट व लोहे के सरिया जहां-तहां बिखरे नजर आये. छात्राओं द्वारा बेतरतीब लगायी गयी साइकिलों से जैसे-तैसे बचते जब क्लास रूम की तरफ गया तो हैरान करने वाला दृश्य नजर आया है. तीन कमरों में भेड़-बकरियों की तरह क्षमता से अधिक छात्राएं जैसे-तैसे पढ़ाई को विवश नजर आयी. 25-30 छात्राएं कमरों के पिछले दरवाजे पर खड़ी अथवा प्लास्टिक के तिरपाल बिछा कर बैठी नजर आयी. भीतर शिक्षक पढ़ाने में मशगूल थे.
पूछने पर शिक्षकों ने बताया कि पुराना भवन जर्जर हो चुका था, जिसे तोड़ कर नया भवन बनाने का प्रस्ताव आया है. अभी विद्यालय के पास मात्र चार कमरे हैं. इनमें से एक कमरा में प्रधानाध्यापक कक्ष तथा लिपिक कक्ष संयुक्त रूप से चलाया जाता है. शेष तीन कमरों मे ंछात्राओं केा पढ़ाई की व्यवस्था की गयी है. जगह कम रहने से छात्राओं को बैठने तक की जगह नहीं है. हालांकि दर्जन भर छात्राएं बैठने तक की जगह नहीं है. हालांकि दर्जन भर छात्राएं बैठने की जगह की कमी के कारण विद्यालय संचालन दो शिफ्ट में हो रहा है.
विद्यालय में छात्राओं की भीड़ :
सोहसराय क्षेत्र का एकलौता गर्ल्स हाई स्कूल होने के कारण यहां शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र की काफी छात्राएं नामांकन कराती है. विद्यालय के 9 वीं तथा 10 वीं कक्षा में लगभग एक हजार छात्राएं नामांकित है. शिक्षा के प्रति छात्राओं में जागरूकता बढ़ने से बड़ी संख्या में छात्राएं नियमित रूप से विद्यालय आती है. हालांकि जगह नहीं मिलने से से छात्राओं में भारी असंतोष व्याप्त है.
शिक्षकों की भारी कमी :
छात्राओं के प्रमुख विद्यालय तथा शहरी क्षेत्र में स्थित होने के बावजूद विद्यालय में विषयवार शिक्षक नहीं है. विद्यालय में कई प्रमुख विषयों गणित, अंग्रेजी, संस्कृत तथा विज्ञान में एक भी शिक्षक मौजूद नहीं है. कई छात्राएं निक्की कुमारी, सजनी कुमारी, अमृता कुमारी, नेहा कुमारी, ज्योति कुमारी आदि ने कहा कि यदि यही स्थिति रही तो उनका मैट्रिक उत्तीर्ण करने का सपना भी अधूरा रह जायेगा. माता-पिता की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण वे ट्यूशन भी नहीं पढ़ सकती है.
छुट्टी होते ही हो जाता है असामाजिक तत्वों का जमावड़ा : विद्यालय की चहारदीवारी वर्षों से टूटी रहने के कारण विद्यालय में छुट्टी होते ही मोहल्ले वासी भीतर घुस आते हैं. कई असामाजिक तत्व भी विद्यालय में बैठ कर ताश-पत्ती खेलने के साथ-साथ नशा पान आदि भी करते हैं. विद्यालय परिसर में गंदगी भी फैलाया जाता है. इससे छात्र-शिक्षकों को काफी परेशानी हो रही है.
बुनियादी सुविधाओं का भारी अभाव : विद्यालय में पेयजल तथा शौचालय की गंभीर समस्या है. पूर्व में जलापूर्ति नल से तथा चापाकल से पेयजल की आपूर्ति होती थी. हाल ही में समर सेबल बोरिंग कराया गया है, लेकिन चालू नहीं हो सका है. विद्यालय में चार शौचालय भी मौजूद है.
लेकिन चारों अत्यंत ही जीण-शीर्ण अवस्था में हैं. इससे छात्राओं को काफी कठिनाई हो रही है. प्रयोगशाला, पुस्तकालय तथा खेल के मैदान की भी कोई व्यवस्था नहीं है.
क्या कहती है एचएम
”नया भवन बनने पर छात्राओं की समस्याएं दूर हो जायेंगी. अभी परिस्थिति के अनुसार दो शिफ्ट में विद्यालय संचालन किया जा रहा है. शिक्षकों की कमी के संबंध में विभाग को लिखा गया है.”
सुषमा कुमारी, प्रभारी प्रधानाध्यापिका, राजकीय कन्या उच्च विद्यालय सोहसराय

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