चर्चित नाबालिग छात्रा दुष्कर्म कांड

बिहारशरीफ : जिला न्यायालय के पाक्सो स्पेशल एडीजे प्रथम शशिभूषण प्रसाद सिंह के कोर्ट में लंबित चर्चित नाबालिग छात्रा दुष्कर्म कांड में इस मामले के आरोपितों पर लगे आरोप को सत्य साबित करने के लिए बहस की शुरुआत हुई. ज्ञात हो कि इस मामले में नवादा विधायक सह राजद नेता राजवल्लभ सहित सुलेखा, छोटी व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 26, 2017 4:59 AM

बिहारशरीफ : जिला न्यायालय के पाक्सो स्पेशल एडीजे प्रथम शशिभूषण प्रसाद सिंह के कोर्ट में लंबित चर्चित नाबालिग छात्रा दुष्कर्म कांड में इस मामले के आरोपितों पर लगे आरोप को सत्य साबित करने के लिए बहस की शुरुआत हुई. ज्ञात हो कि इस मामले में नवादा विधायक सह राजद नेता राजवल्लभ सहित सुलेखा, छोटी व संदीप सुमन उर्फ पुष्पंजय एवं अन्य दो और आरोपित हैं तथा मार्च 16 से ही न्यायिक हिरासत में है.

दुष्कर्म की घटना को बयान व प्राथमिकी तथा गवाहों के परीक्षण के अनुसार छह फरवरी, 2016 की रात में राजवल्लभ पक्ष से 25 मई से 15 जुलाई, 17 तक अधिवक्ता वीरेन कुमार, कमलेश कुमार तथा सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता तनवीर आलम ने जोरदार बहस कर अभियोजन ने सबूतों को तोड़ने का हर संभव प्रयास किया था. इसमें अधिवक्ता वीरमणि कुमार का भी सहयोग रहा. अन्य आरोपित के पक्ष में संजय कुमार, दीपक रस्तोगी तथा विवेकानंद अधिवक्ता ने बहस की थी. अब पीड़िता के पक्ष से आरोप साबित करने की जिम्मेवारी अभियोजन पक्ष के रूप में पीपी सोमेश्वर दयाल तथा मो कैसर इमाम पर होगी, जिन्होंने अभियान की शुरुआत करते हुए बहस की.

उन्होंने बहस में कहा कि बर्थ डे पार्टी के नाम पर घटना की तिथि को पीड़िता को घर से बुलाकर सुलेखा व छोटी षड्यंत्र के तहत ले गयी और बताये गये स्थान के बजाय कहीं अन्यत्र ले गयी और अंत में रात में घटनास्थल पर पहुंच गयी. वहां दुष्कर्म के आरोपित को सर के संबोधन के साथ पीड़िता को अच्छे और प्रभावशाली व्यक्ति होने का विश्वास दिलाती रही. अंत में नशा करने के बाद घटना को अंजाम दिया गया. अगले दिन पीड़िता घर पहुंची. पिता को सूचना देने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गयी. आरोप में सत्यता की वजह में हाइकोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी सुप्रीम कोर्ट ने जमानत रद्द कर दी. किसी भी नाबालिग को यौन शोषण के लिए बहका कर ले जाना एक जुर्म है तथा यह पाक्सो अधिनियम के तहत है. आरोपित राजवल्लभ पक्ष के अधिवक्ता कमलेश कुमार ने लिखित बहस कोर्ट को सौंपा है.

Next Article

Exit mobile version