दो साल में 350 योजनाओं को कराया गया पूरा
बिहारशरीफ : करीब दो सालों तक नगर निगम में सेवा देने के बाद आयुक्त कौशल कुमार नवादा के डीएम बने हैं. नगर निगम के दो सालों की उपलब्धियों और खामियों का आकलन किया जाये तो खास रहा. शहर के लोगों का कहना है कि शहर को स्मार्ट सिटी का दरजा नहीं मिलने का मलाल है.
परंतु विकास कार्यों को गति मिली. वार्ड पार्षदों का भी मानना है कि नगर निगम संसाधनों में बढ़ोतरी हुई है. वाहनों में जीपीएस लगाया गया. इससे वाहनों से तेल चोरी रोकने में नगर निगम को सफलता मिली. ईधन पर खर्च होने वाली राशि में से दस से पंद्रह फीसदी की बचत होने की बात कर्मी बताते हैं. इसी प्रकार कार्यों पर निगरानी के लिए बायोमीटरिक के द्वारा कर्मियों की उपस्थिति दर्ज कराना, कर्मियों का वेतन खातों में आरटीजीएस, मल्टीजेट मशीन, स्काइलिफ्ट प्रमुख हैं.
नगर आयुक्त कौशल कुमार बताते हैं कि एक स्वायतशासी इकाई के रूप में नगर निगम के लोक दायित्वों व विकास दोनों के बीच सामंजस्य कायम करके लोकहित का कार्य करने का प्रयास दो साल तक किया गया. दो सालों में 350 योजनाओं को पूर्ण कराया गया. योजना 18 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गयी.
इससे जलजमाव की समस्या दूर हुई. इसी प्रकार राज्य योजना से कई महत्वपूर्ण कराये गये. इसमें खंदक चौराहा से बरबीघा रोड, रेलवे क्रांसिंग तक नाला निर्माण, रांची रोड से पीएमएस तक चौड़ा कंक्रीट व हाइमास्क लाइट, नालंदा कॉलोनी से मछली मंडी तक नाली निर्माण. इन योजनाओं समेत अन्य योजनाएं भी निर्माणाधीन है.
इस पर भी 15 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं. नगर निगम के द्वारा मानव हाथों से सफाई के साथ मशीन से सघन सफाई तथा मानव बल के प्रभावी उपयोग के लिए कई नूतन प्रयोग किया गया. स्वच्छता मिशन के तहत नगर निगम क्षेत्र को खुले में शौच से मुक्त कराने का कार्य प्रमुखता से किया गया. 7535 घरों में शौचालय निर्माण किया गया है.
दो करोड़ रुपये की लागत से चिह्नित स्थलों पर पांच से दस सीटों का सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया. महिला व पुरुषों के लिए अलग-अलग यूरिनल का निर्माण किया गया. इस योजना के तहत पिछले साल में 2625 लोगों को आवासों की स्वीकृति दिला कर आवंटन की भी व्यवस्था करायी गयी. लाभुकों के बीच कार्य आदेश भी वितरित करना शुरू करा दिया गया है.