डिफॉल्टर मिलरों पर 40 करोड़ रुपये है बकाया

बिहारशरीफ : बकायेदार मिलरों से सरकारी राजस्व को वसूल करना सहज नहीं है. तीन दर्जन से अधिक मिलरों पर करीब 40 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है. बकाये रकम को वसूल करने के लिये प्रशासन के द्वारा काफी मशक्कत की जा रही है. फिर भी बकाये रकम की वसूली नहीं हो पा रही है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2017 3:47 AM

बिहारशरीफ : बकायेदार मिलरों से सरकारी राजस्व को वसूल करना सहज नहीं है. तीन दर्जन से अधिक मिलरों पर करीब 40 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है. बकाये रकम को वसूल करने के लिये प्रशासन के द्वारा काफी मशक्कत की जा रही है. फिर भी बकाये रकम की वसूली नहीं हो पा रही है. तीस से अधिक मिलरों पर एफआइआर दर्ज किया जा चुका है.

यहां तक कि सर्टिफिकेट केस भी किया जा चुका है. प्रशासन के द्वारा हाल में ही की गयी बैठक में अधिकारियों को यह स्पष्ट कर दिया गया है कि हर हाल में मिलरों से बकाये रकम को वसूल करें ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें. यहां तक कि जिन शर्तो के अनुसार मिलरों को बेल मिला है, उसके अनुसार बकाये रकम को जमा नहीं करने वालों का बेल रद्द करने की कार्रवाई हर हाल में करे. वर्ष 2012 से ही जिले में धान लेकर चावल नहीं लौटाये जाने का मामला चला रहा है. इस प्रकरण में अब तक कई अफसरों पर भी गाज गिर चुकी है. यहां तक की पूर्व के डीएमएफसी समेत कई गोदाम प्रबंधकों व सहायक गोदाम प्रबंधकों पर एफआइआर की जा चुकी है. अभी ऐसे कई मिलर हैं जिस पर कई करोड़ रुपये का बकाया है.

यहां तक की एक मिलर पर आर्थिक अपराध शाखा में भी मामला चल रहा है. चर्चा है कि डिफॉल्टर मिलर नाम बदलकर हर साल काम कर रहे हैं. पंचायत स्तरीय मिलर पहले मनरेगा में लूटे फिर राईस मिल खोलकर सरकारी राजस्व को लूट रहे हैं. कुछ साल पहले तो नियमों को ताक पर रखकर मिलरों को क्षमता से अधिक धान भी कूटने के लिये दे दिया गया था. प्रभारी डीएमएफसी राम बाबू बताते हैं कि सभी बकाया पूर्व के वर्ष का है. डीएम डाॅ त्यागराजन एसएम के आदेश पर संबधित पैक्स और संबंधित मिलरों के क्रियाकलापों की जांच करने के लिये कुछ दिन पहले टीम बनायी गयी थी. कई बिंदुओं पर गोदामों व मिलरों की भी जांच करने के लिये फिर से कहा गया है. जांच में धान अधिप्राप्ति से लेकर चावल की गुणवत्ता और चावल लौटाये जाने की सभी पहलुओं की जांच की जायेगी.

यहां तक किस वाहन का प्रयोग सीएमआर लौटाने में किया गया. किस गोदाम में चावल जमा किया गया.

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