विरासतों को सहेज कर शहर को बनाना है स्मार्ट

स्मार्ट सिटी के प्रपोजल में किया गया है प्रावधान विश्व पर्यटन पर लाने की कवायद बिहारशरीफ : अमन चैन और शांति का शहर के नाम से बिहारशरीफ को जाना जाता है. वि›श्व पर्यटन पर नालंदा की जो ख्याति है, वह बिहारशरीफ को आज तक हासिल नहीं हो सकी है. जबकि शहर में एेतिहासिक विरासतों की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2017 10:43 AM
स्मार्ट सिटी के प्रपोजल में किया गया है प्रावधान
विश्व पर्यटन पर लाने की कवायद
बिहारशरीफ : अमन चैन और शांति का शहर के नाम से बिहारशरीफ को जाना जाता है. वि›श्व पर्यटन पर नालंदा की जो ख्याति है, वह बिहारशरीफ को आज तक हासिल नहीं हो सकी है. जबकि शहर में एेतिहासिक विरासतों की कमी नहीं है.
बस उसे सहेजने की जरूरत है. ताकि विश्व पर्यटन पर बिहारशरीफ को स्थापित करके शहर को पूर्ण रूप से स्मार्ट बनाया जा सके. विरासतों को सहेजने की पहल कर दी गयी है. इसकी कवायद नगर निगम के द्वारा की जा रही है. पहले से तो नगर निगम के जेहन में था ही कि धरोहर स्थलों को चकाचक करना है.
अब जबकि स्मार्ट सिटी का दर्जा हासिल करने के लिये जद्दोजहद किया जा रहा है. ऐसे में स्मार्ट सिटी के प्रोपोजल में भी इसका प्रावधान किया गया है. शहर के एेतिहासिक धरोहरों को भी स्मार्ट सिटी के प्रोपोजल में जगह दी गयी है. स्मार्ट सिटी का दर्जा मिलता है तो शहर की तमाम एेतिहासिक स्थानों को चकाचक किया जायेगा.
पर्यटकों को लुभावने के लिये आकर्षक लुक दिये जायेंगे. साथ ही पर्यटन को बढ़ावा दिये जाने के लिये प्रचार-प्रसार भी किये जायेंगे. स्मार्ट सिटी के प्रोपोजल में शहर का विकास करने के साथ ही प्रमुख एेतिहासिक स्थलों का भी विकास किया जायेगा. वैसे नगर निगम के द्वारा कवायद जारी है. पर्यटन को बढ़ावा दिये जाने के लिये हिरण्य पर्वत का सौंदर्यीकरण कार्य किया जा रहा है. इस कड़ी में पहले चरण में पार्क बनाया गया है. पार्क में रॉक गार्डन बनाया गया है. वाटर फॉलिग से लेकर गुफा बनाया जा रहा है. हालांकि अभी शेष कार्य पूरा नहीं हो पाया है.
शहर के प्रमुख एेतिहासिक स्थल
बिहारशरीफ को सूफी-संतों की भूमि मानी जाती है. यहां से एक से एक सूफी-संत आये और शहर को ज्ञान दिये. इनके द्वारा छोड़े गये धरोहरों में बाबा मणिराम अखाड़ा स्थल. बाबा मखदुम साहेब का मजार दरगाह. हिरण्य पर्वत प्रमुख है. ये सभी स्थल सभी धर्मों के लिये आकर्षण का केंद्र है. हिरण्य पर्वत तो अपने आप में एक इतिहास है.
इसके असल रहस्य से लोग अनजान है इसकी महता के कारण साल में कई मौके पर यहां मेला लगता है. साथ जो लोग इसके इतिहास से अवगत है, वैसे लोग हिरण्य पर्वत का भ्रमण करने आते हैं. इसी प्रकार बड़ी दरगाह स्थित बाबा मखदुम साहेब का मजार और बाबा मणिराम का अखाड़ा विश्व प्रसिद्ध है. इन स्थलों का विकास होने से शहर तो स्मार्ट तो होगा कि विश्व पटल पर भी बिहारशरीफ को और ख्याति प्राप्त होगा.

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