जिले में 93 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती का है लक्ष्य

नवंबर माह के पहले सप्ताह अमूमन रूप से खेतों में गेहूं की बुआई शुरू हो जाती है.वशर्ते कि खेतों में पर्याप्त रूप से नमी होनी चाहिए.नमी होने से गेहूं बीज की बुआई करने में किसानों को काफी सहूलियत होती है. बिहारशरीफ. जिले में अब धनकटनी शुरू हो गयी है. धनकटनी के बाद जिले के किसान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 30, 2017 4:45 AM
नवंबर माह के पहले सप्ताह अमूमन रूप से खेतों में गेहूं की बुआई शुरू हो जाती है.वशर्ते कि खेतों में पर्याप्त रूप से नमी होनी चाहिए.नमी होने से गेहूं बीज की बुआई करने में किसानों को काफी सहूलियत होती है.
बिहारशरीफ. जिले में अब धनकटनी शुरू हो गयी है. धनकटनी के बाद जिले के किसान आमतौर पर रबी की खेती करने के कार्य में जुट जाते हैं.
जैसे-जैसे खेत खाली होते जाते हैं,वैसे-वैसे खेतों में रबी की बुआई करने के लिए किसान खेतों की जुताई करनी शुरू कर देते हैं.नवंबर माह के पहले सप्ताह अमूमन रूप से खेतों में गेहूं की बुआई शुरू हो जाती है.वशर्ते कि खेतों में पर्याप्त रूप से नमी होनी चाहिए.नमी होने से गेहूं बीज की बुआई करने में किसानों को काफी सहूलियत होती है.साथ ही खेतों की जुताई करने में भी आसानी होती है.इस तरह देखा जाय तो अक्तूबर माह बीतने की ओर अग्रसर है.रबी की बुआई करने का समय दरबाजे पर दस्तक एक तरह से दे चुका है.एक तरह से किसान भाई रबी की खेती करने की तैयारी प्रारंभिक तौर भी शुरू कर दी है.
विभाग की ओर से तय किया जा चुका है रबी खेती का लक्ष्य
जिले में रबी फसलों की खेती करने के लिए जिला कृषि विभाग की ओर से लक्ष्य का निर्धारण पिछले दिनों ही कर दिया गया है.कृषि कर्मशाला आयोजित कर विभाग की ओर से प्रखंडवार रबी खेती करने का लक्ष्य तय किये गये हैं.
इस बार नालंदा जिले में 93 हजार हेक्टेयर भूमि गेहूं की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.ताकि रबी फसल की खेती करने में किसानों को भी आसानी होगी.साथ ही लक्ष्य पाने में जिला कृषि विभाग को भी.लक्ष्य तय होने के बाद जिले के किसान भी अपने स्तर से इसकी तैयारी शुरू कर दी है.खरीफ फसल के बाद यानी कि धान की खेती के बाद जिले के किसान गेहूं फसल की अच्छी खेती करते हैं.जिले के प्राय: हर प्रखंड क्षेत्र में रबी फसलों की खेती की जाती है.
गेहूं के बाद चना,मसूर व दलहन की भी खेती की जाती है.जिले के टाल क्षेत्रों में दलहन व तेलहन की अच्छी खासी खेती की जाती है.तेलहन के तौर पर सरसों व राई की खेती की जाती है.जिले में रबी की खेती लक्ष्य के अनुरूप हो इसके लिए विभाग ने भी कार्ययोजना बनायी है.
कार्य योजना के तहत जिले में गेहूं की अच्छी पैदावार हो इसके लिए किसानों को गेहूं के उन्नत बीज उपलब्ध कराये जाएंगे.जिला कृषि विभाग की ओर से उन्नत बीज उपलब्ध कराये जाएंगे.ताकि फसल की पैदावार अच्छी हो.यह तभी संभव है जब किसान लोग अपने खेतों में उन्नत किस्म के बीज की बुआई करेंगे.सरकार व विभाग के नियमानुसार बीजों की खरीदारी पर अनुदान भी उपलब्ध कराये जाएंगे.साथ ही खेतों की जुताई करने के लिए अनुदान पर ही कृषि यंत्र भी किसानों को दिये जाएंगे.यंत्र उपलब्ध कराने के लिए किसानों से ऑनलाइन आवेदन भी जिला कृषि विभाग में जमा लिये जा रहे हैं.

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