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आवास योजना में गड़बड़ी का खुलासा
बिहारशरीफ : ढूंढ़ते रह जायेंगे. यह सच है. नूरसराय के बड़ारा गांव के कैलाश यादव का घर ढूंढ़ने से भी जांच टीम को नहीं मिली. ग्रामीणों ने सहयोग करके स्पष्ट कर दिया कि उक्त व्यक्ति इस गांव में नहीं रहता है. यह मामला जुड़ा है प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी से. मुख्यमंत्री जन शिकायत में […]
बिहारशरीफ : ढूंढ़ते रह जायेंगे. यह सच है. नूरसराय के बड़ारा गांव के कैलाश यादव का घर ढूंढ़ने से भी जांच टीम को नहीं मिली. ग्रामीणों ने सहयोग करके स्पष्ट कर दिया कि उक्त व्यक्ति इस गांव में नहीं रहता है.
यह मामला जुड़ा है प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी से. मुख्यमंत्री जन शिकायत में शिकायत की गयी थी कि नूरसराय के बड़ारा गांव में आवास योजना का लाभ दिये जाने में गड़बड़ी की गयी है. डीआरडीए निदेशक संतोष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्यमंत्री जन शिकायत से जांच करने का आदेश आया है. प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिये जाने के लिए गलत लोगों का चयन कर लिया गया है. 21 लाभार्थियों के बारे में जांच शिकायत की गयी है. शिकायत के आलोक डीआडीए के एपीओ जयकांत व एक अन्य कर्मी राजीव रंजन से इसकी जांच करायी गयी. उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई कीअनुशंसा की गयी है. उन्होंने बताया कि लाभुक कैलाश यादव का आवासीय पता बड़ारा दिया गया है.
जांच के क्रम में ग्रामीणों ने बताया कि सूची में जो नाम है वह इस गांव का नहीं है. इसी प्रकार पक्के मकान वालों का भी चयन प्रधानमंत्री आवास योजना में कर लिया गया है. करीब दस लोग ऐसे हैं जिन्हें नियम के विपरीत जाकर चयन किया गया है. इसमें पक्के मकान वाले भी शामिल हैं.
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के मकान बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में हर लाभुक को एक लाख 70 हजार रुपये दिये जाते हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभुकों के चयन में भारी गड़बड़ी किये जाने का मामला है. गड़बड़ी किये जाने का मामला नूरसराय के बड़ारा गांव से जुड़ा है. मुख्यमंत्री जनशिकायत में शिकायत किये जाने के बाद मामले की जांच करायी गयी है.
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