ठंड में ठिठुर रहे लोग, रैनबसेरे खाली

लापरवाही. शहर में तीन रैनबसेरे, पर लोग नहीं उठा रहे लाभ रैन बसेरों में रहने से खाने तक का है इंतजाम बिहारशरीफ : बाहर से आने व जानेवाले लोगों को रात्रि विश्राम के लिए परेशान न होना पड़े, इसके लिए रैनबसेरा बनाये जाते हैं. बिहारशरीफ शहर में भी तीन रैन बसेरा हैं. शहर के रामचंद्रपुर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 15, 2017 4:02 AM

लापरवाही. शहर में तीन रैनबसेरे, पर लोग नहीं उठा रहे लाभ

रैन बसेरों में रहने से खाने तक का है इंतजाम
बिहारशरीफ : बाहर से आने व जानेवाले लोगों को रात्रि विश्राम के लिए परेशान न होना पड़े, इसके लिए रैनबसेरा बनाये जाते हैं. बिहारशरीफ शहर में भी तीन रैन बसेरा हैं. शहर के रामचंद्रपुर बस पड़ाव, प्रस्तावित कारगिल बस स्टैंड व महलपर मुहल्ले में रैनबसेरा बने हुए हैं. इन रैन बसेरों का प्रभात खबर की टीम ने गुरुवार को जब जायजा लिया तो पाया कि लाखों रुपये खर्च कर तीन रैनबसेरा बने हुए हैं, पर प्रचार-प्रसार के अभाव में इसका पूर्ण रूप से लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है.
रात होने पर यात्री होटल की शरण लेने को मजबूर हैं. इसके पीछे कारण यह है कि इन स्थलों पर सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है. यही कारण है कि कारगिल बस स्टैंड में 40 बेड का रैनबसेरा बना है, परंतु कोई रहना नहीं चाहता. शहर से किनारे होने के साथ बस पड़ाव चालू नहीं होने से यात्रियों से जुड़ाव इस स्थल का नहीं है. इसी प्रकार रामचंद्रपुर बस पड़ाव स्थित रैनबसेरा में जरूरतमंद कम अन्य तरह के लोग ज्यादा रहते हैं. यहां ड्यूटी पर तैनात लोग ही रैन बसेरा का फायदा उठा रहे हैं.
वहीं, शहर के महलपर रैनबसेरा के बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी है. नगर निगम द्वारा 50 लाख से अधिक की राशि खर्च कर रैनबसेरा तो बना दिया गया, परंतु यहां शरण लेनेवालों की सुरक्षा के बारे में नहीं सोचा गया और न ही इसका किसी तरह का प्रचार-प्रसार किया गया. इस कारण जरूरतमंद इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं. यहां तक कि बस स्टैंड में किसी भी जगह सूचना का एक बोर्ड तक नहीं लगाया गया है. यही हाल रेलवे स्टेशन के पास भी है. रैनबसेरा के बारे में कहीं कोई बोर्ड नहीं लगाया गया है. बस खानापूर्ति के लिए रैनबसेरा बना दिया गया है. कारगिल बस पड़ाव स्थित रैन बसेरा में बुधवार की रात महज तीन लोग शरण ले रखे थे. यहां के केयर टेकर ने बताया कि कम लोग ही यहां शरण लेने आते हैं. हर दिन बेड खाली रहता है.
अस्थायी शरण स्थलों पर भी कंबल की होगी व्यवस्था : दिसंबर से जनवरी माह के बीच ठंड कभी-कभी भयावह शीतलहर का रूप ले लेती है. इस वर्ष भी ठंड की शुरुआत हो गयी है. शीतलहरी की संभावना को देखते हुए गरीब व नि:सहाय व्यक्तियों के बचाव के लिए समुचित प्रबंध की जाये, इसको लेकर गरीबों के बीच कंबल वितरण करने का आदेश दिया गया है. साथ ही नगर निकाय, प्रखंडों को आदेश दिया गया है कि ऐसी स्थिति आने पर जगह-जगह अलाव की व्यवस्था की जाये. रैन बसेरा व अस्थायी शरण स्थलों पर कंबल की व्यवस्था करने का भी आदेश डीएम ने दिया है. गरीब-नि:सहाय व्यक्तियों के रहने की समुचित व्यवस्था करने को कहा गया है.
जहां रैन बसेरा उपलब्ध न हो, वहां पॉलीथिन का उपयोग कर आवश्यकतानुसार अस्थायी शरण स्थली बनाने को कहा गया है. साथ ही रैन बसेरा एवं अस्थायी शरण स्थल पर पर्याप्त संख्या में कंबल रखने को कहा गया है. मुसाफिर खाना, रिक्शा व टमटम पड़ाव, चौराहा पड़ाव व अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर लोगों की परेशानी को देखते हुए ठंड से बचाव करने का आदेश जारी किया गया है.
केयर टेकर को मिलते हैं प्रतिमाह आठ हजार रुपये
नगर निगम द्वारा रैनबसेरों की देखरेख के लिए एक-एक केयर टेकर रखा गया है. हजारों रुपये हर माह खर्च होने के बाद भी लोगों को फायदा नहीं हो रहा है. कैंटीन चलाने के लिए भी नगर निगम द्वारा अनुदान दिये गये हैं. किचेन शेड पर एक लाख रुपये व्यय किये गये हैं, जबकि पानी के लिए आरओ लगाये गये हैं.
तीस रुपये में भोजन करने की है व्यवस्था
रैनबसेरा में नगर निगम की ओर से रहने व खाने के लिए कैंटीन की व्यवस्था की गयी है, जो जीविका द्वारा चलाया जाता है. इसमें तीस रुपये में खाना खिलाया जाता है. ठंड से बचाव के लिए पर्याप्त संख्या में कंबल की भी व्यवस्था है. नगर निगम द्वारा ठंड को लेकर 50 हजार रुपये अलाव के लिए हर साल खर्च किये जाते हैं.
कहते हैं अधिकारी
रैनबसेरा में केयर टेकर रखा गया है. रैनबसेरों की सुरक्षा का सवाल बहुत पहले उठा था. कारगिल बस रैनबसेरा को चालू करने से पहले इस पर चर्चा भी की गयी थी. कारगिल बस पड़ाव अभी चालू नहीं हो सका है. लेकिन, जरूरतमंद को रात में विश्राम के लिए भटकना न पड़े, इसके लिए चालू कर दिया गया है. रामचंद्रपुर बस पड़ाव में पुलिस बल तैनात है. इससे यहां परेशानी नहीं है. शेष दोनों रैनबसेरों के लिए अलग से सुरक्षा की व्यवस्था नहीं है. इसके लिए नगर निगम द्वारा लिखा गया है.
संतोष कुमार सिन्हा, सिटी मैनेजर, नगर निगम बिहारशरीफ

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