बिना घूस के पानी तक पीना पसंद नहीं करते थे यह दो सरकारी अधिकारी, बात विजिलेंस तक पहुंची तो…

पटना : बिहार सरकार की भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति का असर लगातार दिख रहा है. निगरानी विभाग की टीम ने बुधवार को बिहार के दो जिलों में दो बड़े घूसखोर अधिकारियों को रंगे हाथों रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. इस गिरफ्तारी के बाद घूसखोरों में हड़कंप मच गया है. दोनों जिलों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2017 1:48 PM

पटना : बिहार सरकार की भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति का असर लगातार दिख रहा है. निगरानी विभाग की टीम ने बुधवार को बिहार के दो जिलों में दो बड़े घूसखोर अधिकारियों को रंगे हाथों रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. इस गिरफ्तारी के बाद घूसखोरों में हड़कंप मच गया है. दोनों जिलों के अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद स्थानीय लोगों में काफी खुशी है. लोगों का कहना है कि दोनों अधिकारियों बड़े घूसखोर थे और बिना घूस के फाइल छूने की बात, तो दूर पानी तक पीना पसंद नहीं करते थे. निगरानी विभाग की टीम ने नालंदा जिले के हिलसा अंचल कार्यालय में अंचलाधिकारी सुबोध कुमार को बीस हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.

जानकारी के मुताबिक सुबोध कुमार के बारे में परिवादनी रिंकु देवी ने शिकायत की थी कि सीओ दाखिल-खारिज करने के लिए तीस हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रहे हैं. सूचना के बाद ब्यूरो द्वारा इसका सत्यापन कराया गया. सत्यापन के बाद सुबोध कुमार बीस हजार रुपये रिश्वत लेने पर तैयार हुए. उसके बाद निगरानी विभाग ने एक धावा दल का गठन किया और कार्यालय में ही बीस हजार रुपये रिश्वत लेते हुए अंचलाधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया. निगरानी टीम सुबोध कुमार से पूछताछ कर रही है और उसके बाद उन्होंने निगरानी कोर्ट प्रथम में पेश किया जायेगा. उधर, घूसखोरअफसरोंके खिलाफ कार्रवाई में जुटी विजिलेंस ने सीतामढ़ी में बड़े ट्रैप को अंजाम दिया. निगरानी टीम ने सीतामढ़ी के एपीपी को घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है.

निगरानी विभाग के डीजी रवीन्द्र कुमार को सीतामढ़ी में एक अपर लोक अभियोजक द्वारा मुक़दमे में घूस लेने की शिकायत मिली थी. डीजी के निर्देश पर टीम का गठन किया गया. डीजी द्वारा गठित टीम ने पहले शिकायत की पड़ताल की. शिकायत सही पाई गयी, तो मुख्यालय स्तर पर समीक्षा की गयी. इसके बाद ट्रैप टीम का गठन कर टीम को गिरफ्तारी की कार्रवाई के लिए भेजा गया. ब्यूरो की टीम ने अपर लोक अभियोजक सत्येंद्र तिवारी को एक मुकदमे में 21 हजार रुपये घूस लेते हुए धर दबोचा. अपर लोक अभियोजक बुधवार की सुबह डुमरा शंकर चौक स्थित एक मंदिर के पास बैठे हुए थे. पैसे लेने के लिए उन्होने शिकायतकर्ता को वहीं बुलाया था. शिकायतकर्ता के साथ ट्रैप टीम भी पहुंच गई. टीम ने पैसे लेते मौके पर से ही अपर लोक अभियोजक को दबोच लिया.

डीएसपी महाराजा कनिष्क कुमार सिंह के नेतृत्व में पहुंची टीम ने अपर लोक अभियोजक सत्येन्द्र तिवारी को हिरासत में लिया तो स्थानीय लोग भड़क गये. आसपास के लोगों ने गिरफ्तारी का जमकर विरोध किया. ट्रैप टीम को लोगों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा. विजिलेंस डीएसपी महाराजा कनिष्क कुमार सिंह ने मौके पर हंगामा कर रहे नाराज लोगों को वस्तुस्थिति से अवगत कराया. टीम ने कड़ी मशक्कत से लोगों को समझाया.

उसके बाद विजिलेंस टीम गिरफ्तार किये गये लोक अभियोजक सत्येन्द्र तिवारी को अपने साथ लेकर पटना रवाना हो गई. गिरफ्तार किये गये सत्येन्द्र तिवारी सीतामढ़ी कोर्ट में अपर लोक अभियोजक होने के साथ-साथ सीतामढ़ी जिला कांग्रेस कमेटी में भी उपाध्यक्ष पद पर हैं. इस साल विजिलेंस ने ट्रैप कर पचास से अधिक घूसखोर लोक सेवकों को पकड़ा है. दिसंबर माह में निगरानी विभाग द्वारा यह पांचवे घूसखोर को पकड़ा गया है, वर्ष 2017 में अबतक 83 घूसखोर अधिकारी ट्रैप किये जा चुके हैं, जिनमें 90 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

यह भी पढ़ें-
बड़ा खुलासा ! पटना में पुलिसिया सांठ-गांठ से जारी है बालू की अवैध बिक्री, पढ़ें

Next Article

Exit mobile version