सदर अस्पताल में ठप रही एक्सरे की सुविधा

बिहारशरीफ : पांचवें दिन भी रोगियों को राहत नहीं मिला है. सदर अस्पताल में आने वाले मरीज शुक्रवार को भी एक्सरे सेवा के लिए इधर-उधर भटकते नजर आये. सदर अस्पताल में एक्सरे सेवा पहली जनवरी से बंद है. लिहाजा जरूरतमंद रोगियों को फजीहत उठानी पड़ रही है. लिहाजा संबंधित रोगियों को एक्सरे सेवा के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 6, 2018 4:41 AM

बिहारशरीफ : पांचवें दिन भी रोगियों को राहत नहीं मिला है. सदर अस्पताल में आने वाले मरीज शुक्रवार को भी एक्सरे सेवा के लिए इधर-उधर भटकते नजर आये. सदर अस्पताल में एक्सरे सेवा पहली जनवरी से बंद है. लिहाजा जरूरतमंद रोगियों को फजीहत उठानी पड़ रही है. लिहाजा संबंधित रोगियों को एक्सरे सेवा के लिए शहर के निजी एक्सरे जांच घरों का सहारा लेना पड़ रहा है.

इस सेवा के लिए निजी एक्सरे में रोगियों को ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है. अस्पताल में एक्सरे सेवा बंद रहने से खासकर गरीब व असहाय रोगियों को सबसे अधिक फजीहत झेलनी पड़ रही है. मरीजों को इस बात का इंतजार है कि सदर अस्पताल के एक्सरे कक्ष में लगा ताला कब खुलता है. मालूम हो कि करीब एक साल से बकाये राशि का भुगतान नहीं हुआ है. लिहाजा व्यवस्थापक ने एक्सरे सेवा को बंद कर दिया है. अस्पताल के उपाधीक्षक का कहना है कि एक्सरे सेवा को पुन: चालू करने के लिए विभागीय पहल तेज कर दिया गया है. संभावना है कि बहुत जल्द ही यह सेवा पुन: चालू हो सकेगी.

कालाजार रोगियों की पहचान करने में होगी सहूलियत: बिहारशरीफ. जिले में कालाजार रोग पर काबू पाने में अब विभाग को सहूलियत होगी. स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए रणनीति बनायी है.
रणनीति के तहत जिले की आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने का काम किया गया है. शुक्रवार को जिला मलेरिया कार्यालय परिसर में जिले के पांच प्रखंडों की आशा को कालाजार रोग के लक्षण की पहचान के लिए तरीके बताये गये. जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ रवींद्र कुमार ने आशा को बताया कि जिन लोगों को दो सप्ताह से या अधिक दिनों से बुखार की शिकायत हो तो उसे निकट के अस्पताल में भेजें. जहां पर संबंधित संदिग्ध रोगियों के ब्लड के नमूनों की जांच आरके 39 किट से की जायेगी. यह किट जिले के हरेक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल व अनुमंडलीय अस्पताल में उपलब्ध है.
इस किट से रोगियों के ब्लड की नि:शुल्क जांच की जाती है. उन्होंने कहा कि प्रशिक्षित आशा अपने-अपने पोषक क्षेत्रों में जायें और कालाजार के संदिग्ध मरीजों की पहचान करने का काम करें. यदि संदिग्ध रोगी की पहचान होती है तो इसकी सूचना जिला मलेरिया कार्यालय को भी उपलब्ध करायें.

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