राजगीर:बिहारमें राजगीर के अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन हॉल में गुरुवार से चौथा अंतरराष्ट्रीय धर्मा-धम्मा सम्मेलन शुरू हो गया. तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया. सम्मेलन में राष्ट्रपति ने कहा कि राजगीर कभी मगध साम्राज्य का हिस्सा था. महात्मा बुद्ध मगध साम्राज्य में भ्रमण कर जहां विश्राम करते थे, वहां उनके शिष्य और अनुयायी मठों का निर्माण कराते थे, जिन्हें ‘विहार’ कहा जाता है. सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जिस तरह से पूरी दुनिया में विभिन्न तरह के विवाद हो रहे हैं, ऐसे में आवश्यक हो गया है कि राजगीर में एक अंतरराष्ट्रीय समाधान केंद्र स्थापित हो, जहां पूरी दुनिया के विभिन्न विवादों का समाधान हो सके. इसके लिए राज्य सरकार जमीन देने को तैयार है. उन्हाेंने कहा कि राजगीर में ढेर सारे पुरातात्विक स्थलों को देखते हुए नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर की तरह तरह राजगीर को भी वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया जाये.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मांग की कि केंद्र सरकार राजगीर में स्टेट हाउस बिल्डप करे. इसके लिए भी राज्य सरकार जमीन रखी हुई है. सीएम ने कहा कि स्टेट हाउस के निर्माण से यहां दुनिया के काफी देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आयेंगे. उन्होंने कहा कि धर्मा-धम्मा का संदेश स्पष्ट है कि यह सत्य पर आधारित है. जहां प्रेम, सद्भावना, शांति, समन्वय और सामंजस्य को स्थापित किया जाता है. उन्होंने कहा कि बिहार विभिन्न धर्मों को केंद्र रहा है. श्रीलंका का तो नालंदा से तो विशेष लगाव रहा है. उन्होंने कहा कि धर्मा-धम्मा सम्मेलन से भगवान बुद्ध के संदेशों को पूरी दुनिया में फैलाने का काम हो रहा है.