ठंड से लोग बेहाल, पारा पहुंचा छह डिग्री
परेशानी. गुरुवार को दिन भर छाया रहा कुहासा, नहीं निकली घूप, मरीजों की संख्या बढ़ी धूप नहीं निकलने की वजह से ठंड व कनकनी में आयी तेजी आलू की फसल में झुलसा रोग का प्रकोप बिहारशरीफ : ठंड व कनकनी थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को दिनभर सूर्य के दर्शन नहीं हुए. […]
परेशानी. गुरुवार को दिन भर छाया रहा कुहासा, नहीं निकली घूप, मरीजों की संख्या बढ़ी
धूप नहीं निकलने की वजह से ठंड व कनकनी में आयी तेजी
आलू की फसल में झुलसा रोग का प्रकोप
बिहारशरीफ : ठंड व कनकनी थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को दिनभर सूर्य के दर्शन नहीं हुए. दिनभर कुहासा छाया रहा. सुबह में करीब 10 बजे तक घना कुहासा छाया रहा. जिसके कारण सड़कों पर वाहन लाइट जलाकर आते-जाते दिखे. धूम न निकलने की बजह से पारा एकबार फिर से छह डिग्री सेल्सियस पहुंच गया. गुरूवार को न्यूनतम 06 डिग्री व अधिकतम 18 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. ठंड व कनकनी की बजह से गुरूवार को लोग दिनभर घरों में दुबके रहे. शाम होते-होते ठंड व गलन और बढ़ गयी. ठंड व शीतलहर ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है.
मौसम विभाग के जानकारों की मानें तो आने वाले कुछ दिनों तक मौसम का यही हाल रहेगा. कुहासे के बीच सर्द पछुआ हवाओं ने लोगों को बेदम कर रखा है. ठंड की बजह से लोगों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. पशु-पक्षी भी इससे परेशान हैं. लोग ठंड से बचने के लिए सुबह-शाम अलाव की व्यवस्था की जा रही है.
आलू व तेलहनी फसलों पर पाला का प्रकोप : पिछले 11 दिनों से लगातार जारी कुहासा व ठंड का असर फसलों पर भी दिखने लगा है. तेलहनी फसलों, आलू, मिर्चा एवं अन्य साग-सब्जी की फसलों में पाला लगने की शिकायत मिलने लगी है. इससे किसानों की परेशानी बढ़ गयी है. किसानों को फसल को बर्बाद होने का डर सताने लगा है. कृषि विज्ञान केंद्र, हरनौत के वैज्ञानिक डॉ. एनके सिंह बताते हैं कि इतने दिनों से जारी कुहासा व शीतलहर के कारण यह स्थिति पैदा हुई है. एनके सिंह ने किसानों को अपनी फसल बचाने के लिए दवा का छिड़काव करने की सलाह दी है. उन्होंने बताया कि साइमोक्साखिन एवं मैंकोजेब का मिश्रण दो ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर अथवा हैक्साकोलाजोन एवं केपटॉन दो ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर सात दिन के अंतराल पर फसल पर छिड़काव करें. इस छिड़काव से फसल को पाला से बचाया जा सकता है.
बिंद. लगातार पड़ रही ठंड से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है. पछुआ हवा के साथ पर ही कंपकंपाती ठंड से लोगों का जीना दुर्लभ हो गया है. मौसम की बेरुखी से दिन में भी लोगों को घर में ही दुबके रहना पड़ रहा है. जरूरी कार्यों से ही लोग घर से बाहर निकल रहे हैं. ठंड से मजदूर वर्ग के लोगों को भी मुसीबत में डाल दिया है. मजदूरों को जीविका का संकट खड़ा हो गया. आलू में झुलसा रोग का प्रकोप फैल रहा है. इसके अलावा मटर की फसल को भी क्षति पहुंच रही है. अत्यधिक ठंड को देखते हुए सीओ बासुकीनाथ सिंह ने अपने क्षेत्र के बिंद पंचायत में बाबा चौक, बस स्टैंड, अस्पताल, चौराहों इत्यादि में अलाव की व्यवस्था कर दी है. बाकी जगह पर हर एक पंचायत के मुखिया को निर्देश दिये हैं कि अपने अपने पंचायत में अपने स्तर से अलाव की व्यवस्था कर दिया जाये. हालात ऐसे बन गये हैं कि दिन में भी अंधेरा छाया रहता है. कुहासे के कारण वाहन दुर्घटना में काफी इजाफा हुआ है. सड़क पर शाम ढलते ही लोग ठंड के कारण घर में दुबक जाते हैं. एक सप्ताह से तेज हवा चलने से घने कुहासा के कारण लोगों की आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. शाम होते ही अपने -अपने घरों में रजाई के तले सिमट जा रहे हैं. बिंद क्षेत्र के बाजारों में ग्राहकों की कमी देखी जा रही है. सबसे ज्यादा परेशानी गरीब तबके के लोग जो रोज कमाकर खाते हैं. उनके लिए जीना दुशवार हो गया है.