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1981 दंगा : छह को आजीवन कारावास और एक को 10 साल की सजा, 37 साल बाद आया फैसला, दोषियों की उम्र 60 से 70 वर्ष के बीच

बिहारशरीफ : शहर में 1981 में हुए दंगे के मामले में 37 वर्षों के बाद फैसला आया. जिला न्यायालय के प्रथम त्वरित न्यायाधीश राम प्रसाद अस्थाना ने शुक्रवार को 1981 में बिहार थाना क्षेत्र के अलीनगर मोहल्ले में हुए दंगे के सात दोषियों ईश्वरी सिंह, छोटे कुम्हार, क्रिस्टो पटवा, लक्ष्मण राम, नंदलाल यादव, अजय सिंह […]

बिहारशरीफ : शहर में 1981 में हुए दंगे के मामले में 37 वर्षों के बाद फैसला आया. जिला न्यायालय के प्रथम त्वरित न्यायाधीश राम प्रसाद अस्थाना ने शुक्रवार को 1981 में बिहार थाना क्षेत्र के अलीनगर मोहल्ले में हुए दंगे के सात दोषियों ईश्वरी सिंह, छोटे कुम्हार, क्रिस्टो पटवा, लक्ष्मण राम, नंदलाल यादव, अजय सिंह व सुनील उर्फ सुनयना को हत्या समेत अन्य संगीन जुर्म में सजा सुनायी. भादवि की धारा 302, 307, 392 व अन्य में सभी को जिला न्यायालय ने दोषी करार दिया था.

दोषी सुनील और छोटे कहार, क्रिस्टो, ईश्वरी सिंह, नंदलाल यादव, अजय सिंह को आजीवन कारावास तथा लक्ष्मण राम को 10 साल की सजा सुनायी गयी है़ सभी पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना अदा नहीं करने पर दो साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी़ सत्र परिवाद संख्या-108‍-83 के विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष से एपीपी सुनील कुमार सिन्हा व एसएम असलम ने बहस की़ इस घटना में कुल 73 लोगों को आरोपित किया गया था. इनमें से सिर्फ 32 आरोपित ही जीवित हैं.

मामले में 32 आरोपितों में से 31 ने ट्रायल फेस किया. इनमें से रंजीत प्रसाद, राजकिशोर साव, हुमायूं, कृष्णा साह, नंदू कुम्हार, रामचंद्र कहार, महावीर ठठेरा समेत 21 आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया था. इसके अलावा आरोपित नंदू पंडित, विश्वनाथ पटवा व ललन राम को भादस की धारा 148 के तहत दोषी करार दिया गया था. सजा पानेवाले बिहार थाना क्षेत्र के अलीनगर मोहल्ले के हैं. मामले के विचारण के दौरान एपीपी सुनील कुमार सिन्हा ने अभियोजन पक्ष की ओर से बहस की थी.

एक मई, 1981 की दोपहर हुई थी घटना

एक मई, 1981 को 12.00 बजे दिन आरोपितों ने घटना को अंजाम दिया था. इस घटना में कई लोगों की जान गयी थी तथा कई लोग जख्मी भी हुए थे. आरोपितों ने गोली, विस्फोटक, भाला, चाकू व लाठी का इस्तेमाल किया था. मामले में बड़ी दरगाह निवासी मो हासिम के फर्द बयान के आधार पर बिहार थाना में कांड संख्या-333-81 के तहत आरोप दर्ज किया गया था. सभी दोषी लगभग 60 से 70 वर्ष से अधिक उम्र के हैं. एक दोषी सुनील उर्फ सुनयना का स्वास्थ्य खराब रहने के कारण स्ट्रेचर पर कोर्ट में पेश किया गया.

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