अब कालाजार से पीड़ित इलाकों की होगी कड़ी निगरानी
बिहारशरीफ : कालाजार प्रभावित इलाकों की होगी कड़ी निगरानी. जिस क्षेत्र में गत तीन साल के दौरान कालाजार के रोगी चिह्नित हुए हैं, वैसे एरिया पर नजर रखने की प्लानिंग बनायी गयी है. इसकी मॉनीटरिंग करने की दिशा में ठोस कदम उठाया गया है. जिले के कालाजार तकनीकी सुपरवाइजरों को संबंधित इलाकों की मॉनीटरिंग करने […]
बिहारशरीफ : कालाजार प्रभावित इलाकों की होगी कड़ी निगरानी. जिस क्षेत्र में गत तीन साल के दौरान कालाजार के रोगी चिह्नित हुए हैं, वैसे एरिया पर नजर रखने की प्लानिंग बनायी गयी है. इसकी मॉनीटरिंग करने की दिशा में ठोस कदम उठाया गया है. जिले के कालाजार तकनीकी सुपरवाइजरों को संबंधित इलाकों की मॉनीटरिंग करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.
चिह्नित क्षेत्रों पर पैनी नजर रखी जाये, इसके लिए केटीएस (कालाजार तकनीकी सुपरवाइजरों) के बीच कार्यों का बंटवारा विभागीय तौर पर कर दिया गया है. मूल पदस्थापित स्वास्थ्य संस्थान के अलावा अलग-अलग प्रखंडों की जिम्मेदारी दी गयी है.
आवंटित प्रखंडों में संदिग्ध रोगियों पर रखेंगे नजर : जानलेवा रोग कालाजार पर नियंत्रण के लिए ठोस रणनीति तैयार की गयी है. यानी कि जिन पीएचसी में पिछले तीन साल के दौरान इसके मरीज चिह्नित हुए हैं, वैसे क्षेत्र पर पैनी नजर रहेगी. साथ ही आसपास के पीएचसी के इलाकों पर भी कड़ी निगाह रखी जायेगी.
विभागीय तौर पर उठाये गये कदम के अनुसार कालाजार के संदिग्ध रोगियों पर नजर रहेगी. इसके लिए केटीएस के बीच प्रखंड आवंटित कर दिया गया है. आवंटित पीएचसी में नियमित रूप से भ्रमण करने का निर्देश केटीएस को दिया गया है. नये रोगी पहचान होने पर इसकी सूचना जिला मलेरिया कार्यालय को देने को कहा गया है.
जिले में छह केटीएस के पद स्वीकृत :
मलेरिया इंस्पेक्टर चितरंजन कुमार ने बताया कि जिले में केटीएस के छह पद स्वीकृत हैं, जिसमें से एक पद हिलसा में रिक्त है. केटीएस वेक्टर जनित रोगों कालाजार, मलेरिया, डेंगू, जापानी इंसेफ्लाइटिस, चिकनगुनिया आदि पर नियंत्रण करने के लिए काम करते हैं.
इन रोगों के लक्षण, बचाव आदि की जानकारी देने का काम करते हैं. केटीएस को निर्देश दिया गया है कि आवंटित पीएचसी के इलाकों में जाकर इन रोगों के लक्षण व बचाव आदि के बारे में जानकारी दें, ताकि लोग इन रोगों के प्रति जागरूक रहे सकें. जिले में नये वर्ष में अब तक कालाजार के रोगी प्रतिवेदित नहीं हुए हैं. वर्ष 2018 में 17 रोगी प्रतिवेदित हुए थे.