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कहने को आदर्श थाना, पीने को पानी नहीं

बिहारशरीफ : नालंदा का दीपनगर कहने को आदर्श थाना है, लेकिन यहां पेयजल तक उपलब्ध नहीं है. दरअसल, थाने की बोरिंग फेल हो गयी है. यह हाल तब है जब जून की तेज गर्मी अभी शुरू हुई है. हालांकि वर्तमान थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार थाने के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. थाने […]

बिहारशरीफ : नालंदा का दीपनगर कहने को आदर्श थाना है, लेकिन यहां पेयजल तक उपलब्ध नहीं है. दरअसल, थाने की बोरिंग फेल हो गयी है. यह हाल तब है जब जून की तेज गर्मी अभी शुरू हुई है. हालांकि वर्तमान थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार थाने के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. थाने में लगे रंग-बिरंगे फूल एवं तरह-तरह के सुंदर पेड़-पौधों से शुद्ध हवा मिल रही है.

गर्मी में ठंडा पेयजल उपलब्ध कराने के लिए आठ से 10 मिट्टी का घड़ा रखा है. थाने के मुख्य प्रवेश द्वार से सटे एक बगीचा भी बना है. इसी बगीचे में फरियादियों के बैठने के लिए कैनोपी लगी है. कैनोपी के नीचे राउंड टेबल एवं चार कुर्सियां भी लगी हैं. लेकिन, इस टेबल पर पानी की खाली बोतलें महज शोभा की वस्तु बनी है. वह इसलिए कि थाने की बोरिंग दस दिन पहले फेल हो गयी है.
कर्मियों को दिनचर्या में भी हो रही परेशानी
थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि थाने में 20 से 22 पुलिस पदाधिकारी हैं. इसके अलावा तकरीबन 60 सिपाही व होमगार्ड जवान समेत अन्य कर्मी काम करते हैं. ऐसे में कर्मियों को दैनिक दिनचर्या विशेषकर शौच व स्नान में काफी परेशानी हो रही है. फिलहाल सप्लाइ के सहारे किसी तरह काम चल रहा है.
लेकिन, पानी की आपूर्ति बमुश्किल एक से दो घंटे ही हो पाता है. ऐसे में कर्मियों को पानी आने का इंतजार करना पड़ता है. इसलिए यहां के कर्मियों की प्यास तक नहीं बूझ पा रही है. थानाध्यक्ष ने बताया कि इस समस्या से वरीय पदाधिकारी को अवगत कराया गया है.

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