अधीक्षण अभियंता कार्यालय की नीलामी का कोर्ट आदेश
बिहारशरीफ : जिला न्यायालय के तृतीय एडीजे ओम प्रकाश पांडेय ने कांट्रैक्ट एकरारनामा राशि ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा कोर्ट आदेश की अवमानना करते हुए वापस न करने पर कार्यालय के नीलामी द्वारा आवेदक को रुपया वसूलने का आदेश दिया. आदेश के त्वरित निष्पादन के लिए सिविल कोर्ट नाजिर को अधिकारी नियुक्त करते हुए नीलामी आदेश […]
बिहारशरीफ : जिला न्यायालय के तृतीय एडीजे ओम प्रकाश पांडेय ने कांट्रैक्ट एकरारनामा राशि ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा कोर्ट आदेश की अवमानना करते हुए वापस न करने पर कार्यालय के नीलामी द्वारा आवेदक को रुपया वसूलने का आदेश दिया.
आदेश के त्वरित निष्पादन के लिए सिविल कोर्ट नाजिर को अधिकारी नियुक्त करते हुए नीलामी आदेश को लागू करने के लिए दोनों पक्षों सहित सार्वजनिक सूचना जारी करने का आदेश दिया. मामले के अनुसार वित्तीय वर्ष 2006-2007 के ग्रामीण कार्य विभाग से कार्य प्रमंडल हिलसा से रामपुर आरडब्ल्यूडी रोड से लखना विगहा-बबुरबन्ना रोड बनाने का कार्य लिया था, जिसकी लंबाई 2.4 किमी थी.
कार्य के संवेदक स्थानीय कमरूद्दीनगंज निवासी संतोष कुमार थे, जिन्होंने कार्य का एकरारनामा सहित जमानत की राशि अग्रधन जमा की थी. कार्य की शुरुआत पूरी गुणवत्ता के साथ हुई परंतु जमीन उपलब्ध नहीं रहने व लोगों के द्वारा अवरोध पैदा करने से कार्य बाधित हो गया.
जमीन उपलब्ध कराने के लिए विभागीय तथा प्रशासनिक पदाधिकारी को कई बार आदेश देने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई. परंतु विभाग ने विपरीत आचरण करते हुए एकरारनामा को रद्द कर जमानत अग्रधन राशि सहित किये गये कार्य की कुछ राशि जब्त करने का निर्णय संवेदक द्वारा इसे वापस करने के बार-बार आग्रह के बावजूद लिया. अंतत: संवेदक ने हाइकोर्ट से आदेश प्राप्त कर डिस्प्यूट आॅर्बिटेशन ट्रिब्यूनल, पटना में अपील की.
इसके उपरांत अपीलकर्ता संवेदक को दस प्रतिशत सालाना ब्याज समेत कार्यालय को सारा रकम लौटाने का निर्णय दिया गया. निर्णय की प्रति कार्यालय को सौंप आग्रह करने के बावजूद अवमानना करते हुए कोई रकम नहीं लौटायी गयी, जिसके उपरांत संवेदक ने जिला न्यायालय में इजराइल केस किया, जिसकी सुनवाई के उपरांत सारा रकम लौटाने का आदेश मार्च, 2019 में हाईकोर्ट ने दिया. विपक्षी द्वारा इस निर्णय की भी कोई सुध न लेने पर कोर्ट ने कार्यालय नीलामी द्वारा रकम वसूली का आदेश संवेदक को दिया है.