खतरनाक स्तर पर पहुंची शहर की हवा

बिहारशरीफ : दिल्ली में वायु प्रदूषण पर हो रहे बवाल के बीच नालंदा की हवा के भी काफी प्रदूषित होने की सूचना मिल रही है. बिहारशरीफ शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) मंगलवार को 300 के आसपास रिकॉर्ड किया गया. अपना शहर बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी बनने की दहलीज पर है, ऐसे में यह आंकड़ा चौंकाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 6, 2019 7:14 AM

बिहारशरीफ : दिल्ली में वायु प्रदूषण पर हो रहे बवाल के बीच नालंदा की हवा के भी काफी प्रदूषित होने की सूचना मिल रही है. बिहारशरीफ शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) मंगलवार को 300 के आसपास रिकॉर्ड किया गया. अपना शहर बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी बनने की दहलीज पर है, ऐसे में यह आंकड़ा चौंकाने वाला है.

मंगलवार की सुबह 10:45 पर बिहारशरीफ शहर का एक्यूआइ 300, जबकि अपराह्न 2:15 बजे शहर का एक्यूआइ 230 रिकॉर्ड किया गया. वायु प्रदूषण के बढ़ते प्रकोप के कारण पिछले एक सप्ताह से सूर्य के दर्शन सुबह नौ से 10 बजे के बीच हो रहा है और दिन चढ़ने के बाद फिर सूर्य आसमान में ओझल हो जा रहे हैं.
दमा, टीबी व सांस की बढ़ रहीं बीमारियां
बढ़ते प्रदूषण के कारण हर कोई स्मोकर बनता जा रहा है. बच्चे, जवान व बुजुर्ग सभी हर कोई इसी हवा में सांस ले रहे हैं. यहां तक कि नवजात शिशु जब पहली सांस लेता है तो उसके अंदर यही प्रदूषित हवा जा रही है. प्रदूषण बढ़ने से लोग कई तरह की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. इसके कारण दमा, टीवी व सांस की बीमारियों में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है. इसकी वजह से लोगों की उम्र कम हो रही है.
निर्माण कार्य में लगे वाहन धूल उड़ाते भर रहे फर्राटे
प्रदूषण को बढ़ाने में निर्माण कार्यों में लगे वाहनों का भी बड़ा हाथ है. खासकर सड़क निर्माण कार्य में लगे वाहन धूल उड़ाते सड़कों पर फर्राटे भरते रहते हैं.
इससे न केवल वहां से गुजरने वाले लोगों को परेशानी होती है, बल्कि आसपास के लोग परेशान रहते हैं. इसके अलावा भवन निर्माण, वाहनों के धुएं भी शहर के एक्यूआइ को बढ़ा रहे हैं. सड़क पर बड़ी संख्या में ऐसे वाहन खासकर टेंपो, बाइक चल रहे हैं, जो चलते हैं तो ऐसा लगता है मानो रॉकेट जा रहा हो. अधिक धुएं छोड़ने वाले वाहनों पर रोक लगाने वाला कोई नहीं है.
15 वर्षों से ऊपर के वाहनों को भी मिल रहा सर्टिफिकेट
वाहनों से निकलने वाले धुएं को जांचने के लिए जिले में 13 प्रदूषण केंद्र हैं. इन केंद्रों द्वारा धड़ल्ले से वाहनों को प्रदूषण सर्टिफिकेट दे दिया जाता है. 15 वर्ष से ऊपर के वाहनों को डीटीओ कार्यालय में रि-रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद उन्हें धड़ल्ले से सर्टिफिकेट दे दिया जाता है. वाहन से ज्यादा प्रदूषण होने पर केंद्र के कर्मी को कुछ राशि देकर मना लिया जाता है.

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