राजगीर सफारी : अगस्त से खुले में घूमते देख सकेंगे शेर व भालू, काम अंतिम चरण में

192 हेक्टेयर इलाके में बन रही सफारी का काम अंतिम चरण में जानवरों के लिए बनाये गये हैं रिटायरिंग रूम पटना : राज्य में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के बाद अब राजगीर में भी अगस्त से आमलोगों के लिए सफारी की व्यवस्था उपलब्ध हो जायेगी. यहां भी आमलोग खुले में घूमते शेर, भालू, बाघ और चीता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 3, 2020 6:24 AM
192 हेक्टेयर इलाके में बन रही सफारी का काम अंतिम चरण में
जानवरों के लिए बनाये गये हैं रिटायरिंग रूम
पटना : राज्य में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के बाद अब राजगीर में भी अगस्त से आमलोगों के लिए सफारी की व्यवस्था उपलब्ध हो जायेगी. यहां भी आमलोग खुले में घूमते शेर, भालू, बाघ और चीता सहित अन्य जानवरों को बंद गाड़ी में बैठकर देख सकेंगे.
करीब 192 हेक्टेयर इलाके में बन रही सफारी का काम अंतिम चरण में है. यहां जानवरों के अनुसार पांच अलग-अलग सफारी बनायी गयी हैं. इनमें शाकाहारी जानवरों के लिए सफारी, भालू सफारी, चीता, बाघ और शेर सफारी शामिल हैं.
सफारी के लिए गाड़ियां मंगवायी जा रही हैं. सूत्रों का कहना है कि शाकाहारी जानवरों की सफारी करीब 30 हेक्टेयर इलाके में बन रही है. इसमें मृग, चीतल, हिरण व सांभर सहित अन्य शाकाहारी जानवरों को रखा जायेगा. वहीं, भालू सफारी करीब 20 हेक्टेयर इलाके में बन रही है. यहां नर और मादा भालुओं को देखा जा सकेगा. वहीं, चीता सफारी करीब 20 हेक्टेयर इलाके में बन रही है. टाइगर और लॉयन सफारी करीब 20.5-20.5 हेक्टेयर इलाके में बन रही है.
टाइगर सफारी में अधिकतम दो बाघ-दो बाघिन सहित लॉयन सफारी में दो शेर और दो शेरनी रखे जायेंगे. टाइगर सफारी में एक बार में खुले में एक ही बाघ और लॉयन सफारी में भी एक ही शेर दिख सकेगा. यदि खुले में एक से अधिक बाघ या शेर रखे जायेंगे, तो वे आपस में लड़कर एक -दूसरे को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
प्रत्येक सफारी में पानी की व्यवस्था
विभाग के सूत्रों का कहना है कि प्रत्येक सफारी में जानवरों को पानी पीने लिए प्राकृतिक डिजाइन के तालाब बनाये गये हैं. साथ ही जानवरों के लिए रिटायरिंग रूम बनाये गये हैं. किसी जानवर को घायल होने पर उपचार सहित अन्य कारणों से इसमें रखा जा सकेगा. साथ ही बाड़ा भी बनाया गया है. किसी जानवर को यदि खुले में नहीं रखना होगा, तो उसे बाड़े में बंद कर दिया जायेगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि राजगीर में सफारी का काम अंतिम चरण में है. इसमें जानवरों की व्यवस्था कर अगस्त से आमलोगों के लिए उपलब्ध करवा दिया जायेगा.

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