शिक्षामंत्री सहित सभी वीसी का पुतला फूंका
बिहारशरीफ : सहायक प्राध्यापक पद पर बहाली में बिहारी छात्रों की अनदेखी के विरोध में राष्ट्रीय छात्र जनशक्ति मोरचा के तत्वावधान में छात्रों में शिक्षा मंत्री व बिहार के सभी कुलपतियों का सोमवार को अस्पताल चौक का पुतला दहन किया. मोरचा के स्थानीय नालंदा कॉलेज के विश्वविद्यालय प्रतिनिधि रोहित कुमार सिन्हा ने कहा कि इस […]
बिहारशरीफ : सहायक प्राध्यापक पद पर बहाली में बिहारी छात्रों की अनदेखी के विरोध में राष्ट्रीय छात्र जनशक्ति मोरचा के तत्वावधान में छात्रों में शिक्षा मंत्री व बिहार के सभी कुलपतियों का सोमवार को अस्पताल चौक का पुतला दहन किया. मोरचा के स्थानीय नालंदा कॉलेज के विश्वविद्यालय प्रतिनिधि रोहित कुमार सिन्हा ने कहा कि इस कार्यक्रम के साथ मोरचा द्वारा चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत की गयी है.
उन्होंने बताया कि बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में यूजीसी के पीएचइडी नियमावली 2009 की अनदेखी करते हुए सहायक प्राध्यापकों के पद पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया गया है. इससे वर्ष 2006 से 2013 तक पीएचडी की उपाधि हासिल करने वाले बिहार के मेधावी छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है. बिहार के सभी विश्वविद्यालयों द्वारा छात्रों का पीएचडी टेस्ट परीक्षा के माध्यम से वर्ष 2006 से ही शोध करवा कर पीएचडी की उपाधि प्रदान की गयी.
यह परीक्षा पीएचडी नियमावली 2009 के तहत ली गयी थी. इसकी मान्यता यूपी, एमपी व राजस्थान सरकार सहित इलाहाबाद हाइकोर्ट द्वारा भी दी गयी थी. बिहार सरकार का कहना है कि पीएचडी नियमावली 2009 बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में वर्ष 2012 से लागू हुई है, लेकिन वास्तविकता यह है कि इस नियमावली के प्रावधानों के तहत छात्रों को वर्ष 2006 से ही पीएचडी की उपाधि प्रदान की गयी. इन छात्रों को एनआइटी की परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों से बिहारी छात्रों के हित में विज्ञापन में एनआइटी की परीक्षा की अनिवार्यता समाप्त करते हुए संशोधित करने की मांग की. इस मौके पर अंजनीकांत वंसल, आलोक कुशवाहा, कुंदन कुमार, एजाज आलम, सुजीत पांडेय आदि मौजूद थे.