मृग विहार का मास्टर प्लान तैयार
सूबे का दूसरा चिड़ियाघर होगाबिहारशरीफ : राजगीर स्थित मृग विहार में पिछले दिनों बड़ी संख्या में हिरणों के मरने की घटना के बाद वन विभाग इस मृग विहार की स्थिति को सुधारने और बेहतर बनाने पर कार्य शुरू किया है. इस मृग विहार को चिड़िया घर में परिवर्तित करने के लिए एक मास्टर प्लान तैयार […]
सूबे का दूसरा चिड़ियाघर होगा
बिहारशरीफ : राजगीर स्थित मृग विहार में पिछले दिनों बड़ी संख्या में हिरणों के मरने की घटना के बाद वन विभाग इस मृग विहार की स्थिति को सुधारने और बेहतर बनाने पर कार्य शुरू किया है. इस मृग विहार को चिड़िया घर में परिवर्तित करने के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया गया है.
इस मास्टर प्लान की स्वीकृति प्राप्त हो जाने के बाद मृग विहार राज्य का दूसरा चिड़िया घर होगा. विभाग से इसके लिए मान्यता प्राप्त हो गयी है. जिला वन पदाधिकारी पीके जायसवाल ने बताया कि सेंटर ऑथिरिटी, केंद्रीय वन प्राणी एवं सर्वोच्च न्यायालय से अनुमति प्राप्त हो जाने के बाद मास्टर प्लान के तहत शीघ्र ही कार्य शुरू हो जायेगा.
केंद्रीय चिड़िया घर प्राधिकरण के अनुमति से देश के विभिन्न चिड़िया घरों के अतिरिक्त विदेशों से विभिन्न प्रकार के वन्य प्राणियों को मृग विहार में लाया जायेगा. इस चिड़िया घर को अन्य चिड़िया घरों जैसी सुविधाओं से सुसज्जित किया जायेगा. यह मृग विहार 65 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है. इसका निर्माण करीब 25 साल पूर्व किया गया था. इस वन में सैकड़ों हिरन के रहने की संभावना है.
डीएफओ ने बताया कि मंगलवार को 60 हिरणों का झुंड देखा गया है. इस मृग विहार में नीलगाय, अजगर, सांप, खरहा, तीतर, वनमुर्गी, बंदर सहित अन्य विभिन्न प्रकार के वन्य प्राणी निवास करते है. जिला वन पदाधिकारी ने बताया कि गत दिनों मृग विहार में हिरणों के मरने के कारणों की जांच के लिए उनके खून को पटना भेजा गया था. जांच में पस्टेइयूरेला बैक्टेरिया पाया गया.
यह बैक्टेरिया आसपास के पालतू जानवरों से ट्रांसमिशन कर प्रवेश कर जाता है. उन्होंने बताया कि इस मृग विहार में हिरणों के लिए पानी एवं खाद्य पदार्थो के जांच की रिपोर्ट अभी नहीं आयी है.