बिहारशरीफ (नालंदा) : राज्य औषधि नियंत्रक के आदेशानुसार औषधि विभाग ने गुरुवार को स्थानीय खंदक पर स्थित एक ट्रांसपोर्ट कंपनी पर छापेमारी की. उक्त कंपनी पर लो टैक्स का मामला उजागर होने की बात विभाग द्वारा बताया जा रहा है. लाइसेंस ऑथरिटी मनोज कुमार के नेतृत्व में की गयी छापेमारी में मौके से 100 काटून दवाइयां जांच के लिए जब्त किया है.
बताया जाता है कि कंपनी के प्रबंधक द्वारा बगैर ठोस कागजात के दवाई के जखीरे को बुक कर संबंधित दवा के थोक विक्रेताओं को आपूर्ति की जाती थी.औषधि निरीक्षक राजेश कुमार सिन्हा ने बताया कि फिलवक्त छापेमारी के क्रम में जितनी भी दवाइयां जब्त की गयी है, उन सबों के कागजात की जांच की जा रही है. जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि इस मामले में कितने की हेराफेरी की गयी है.
छापेमारी के क्रम में औषधि विभाग को उक्त ट्रांसपोर्ट कंपनी के गोदाम से 45 काटून सरकारी दवाइयां(हेमोशिल) का जखीरा भी हाथ लगा है. इन दवाइयों का आर्डर पिछले नबंवर में दिया गया था, चालू वर्ष के जनवरी माह में इसकी आपूर्ति सरकारी अस्पताल में की जाने थी.
इस संबंध में जब औषधि विभाग के अधिकारियों ने ट्रांसपोर्ट कंपनी के प्रबंधक से पूछताछ की तो, यह बताया गया कि सरकारी दवाई से संबंधित पूरी जानकारी दो बार अस्पताल प्रशासन को दी जा चुकी है, इसके बावजूद दवाई नहीं ली गयी. औषधि निरीक्षक ने बताया कि जांच की पूरी प्रक्रिया दो दिनों में पूरी कर ली जायेगी. जांच में दोषी पाये जानेवालों के खिलाफ कांड दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी.