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बाढ़ से निबटने को सामूहिक प्रयास जरूरी

बिहारशरीफ (नालंदा) : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को टना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नालंदा सहित सूबे के सभी डीएम व एसपी के साथ वार्ता कर बाढ़ पूर्व तैयारी का जायजा लिया तथा उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिया. मुख्यमंत्री के साथ विभागीय मंत्री व संबंधित विभागों के प्रधान सचिव मौजूद थे. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:52 PM

बिहारशरीफ (नालंदा) : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को टना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नालंदा सहित सूबे के सभी डीएम व एसपी के साथ वार्ता कर बाढ़ पूर्व तैयारी का जायजा लिया तथा उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिया.

मुख्यमंत्री के साथ विभागीय मंत्री व संबंधित विभागों के प्रधान सचिव मौजूद थे. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद डीएम बी कार्तिकेय ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्ताराखंड राज्य के केदारनाथ में बाढ़ का अत्यधिक वर्षा के कारण जो त्रसदी हुई है, उसकी पुनरावृत्ति बिहार में नहीं हो, इसके लिए सभी जिलों में युद्ध स्तर पर बाढ़ से निबटने की तैयारी किया जाय. पूर्व चेतावनी सिस्टम को सुदृढ़ बनाने के साथ हीं ऐसी व्यवस्था की जाय की जरूरत पड़ने पर तत्काल राहत व बचाव का कार्य शुरू किया जा सके.

मुख्यमंत्री ने बाढ़ पूर्व तैयारी में आम लोगों के साथ हीं मीडियाकर्मियों की सहायता लेने पर जोर दिया. डीएम श्री कार्तिकेय ने बताया कि बाढ़ पूर्व तैयारी के क्रम में संभावित प्रभावित क्षेत्रों में बांध का निरीक्षण, अस्पतालों में दवा की उपलब्धता, पशु दवा व चारे की व्यवस्था, शरण स्थली व हेलिपैड स्पॉट का चयन, पॉलिथीन शीट, नाव, गोताखार, खाद्यान्न आदि की व्यवस्था कर ली गई है.

आपात स्थिति के लिए मेडिकल टीम का गठन किया गया है. बांधों की सुरक्षा व निगरानी के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है. जिले के सभी अस्पतालों में सर्प दंश की दवा, 100 नाव, 30 गोताखोर, 19 हेलीपैड स्थलों का चयन एवं जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है. अपर समाहर्ता रामचंद्र प्रसाद को आपदा प्रबंधन कार्य के लिए नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. तृस्तरीय कम्यूनिकेशन सिस्टम के माध्यम से प्रभावित क्षेत्रों पर नजर रखने की व्यवस्था की गई है.

बाढ़ से निबटने के लिए संभावित क्षेत्रों में ग्रामीणों को जागरूक करने का कार्य किया जायेगा. उन्होंने बताया कि पूर्व के अनुभव के अनुसार जिले के 45 पंचायतों के 206 गांवों की 54274 आबादी पूर्ण रूप से संवेदनशील हैं. वहीं 70 पंचायतों के 248 गांव की 76843 आबादी आंशिक रूप से संवेदनशील हैं. उन्होंने कहा कि चिन्हित क्षेत्रों के अलावा अगर कोई क्षेत्र संवेदनशील हो अथवा तैयारी से संबंधित कोई भी सूचना 06112-235219 एवं 06112-235203 पर दी जा सकती है.

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