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निरंजन ने 40 वां रैंक हासिल कर किया जिले का नाम रोशन

* आइआइटी परीक्षा में मारी बाजीहिलसा (नालंदा) : दृढ़ इच्छाशक्ति एवं बुलंद हौसले के साथ यदि ईमानदारी पूर्वक मेहनत किया जाय तो सफलता निश्चित है. इस कथन को चरितार्थ करते हुए नगरनौसा के विकलांग युवक निरंजन ने आइआइटी की प्रवेश परीक्षा में 40वां स्थान लाकर नालंदा जिले का नाम रोशन किया है. हिलसा अनुमंडल के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:53 PM

* आइआइटी परीक्षा में मारी बाजी
हिलसा (नालंदा) : दृढ़ इच्छाशक्ति एवं बुलंद हौसले के साथ यदि ईमानदारी पूर्वक मेहनत किया जाय तो सफलता निश्चित है. इस कथन को चरितार्थ करते हुए नगरनौसा के विकलांग युवक निरंजन ने आइआइटी की प्रवेश परीक्षा में 40वां स्थान लाकर नालंदा जिले का नाम रोशन किया है.

हिलसा अनुमंडल के नगरनौसा प्रखंड के गोराईपुर गांव निवासी रामप्रवेश प्रसाद का छोटा पुत्र निरंजन कुमार भयंकर गरीबी के बीच अपने गांव के ही स्कूल से पढ़ाई की शुरुआत की. पिता एवं बड़े भाई मजदूरी करके परिवार की गाड़ी को किसी प्रकार से चला रहे थे. गरीबी के कारण निरंजन ने गांव में हीं चूड़ा मिल खोल कर पढ़ाई करता था. इसके बाद उसने उच्च विद्यालय नगरनौसा से मैट्रिक की परीक्षा पास की.

इस दौरान एक पंचायत शिक्षक सत्यनारायण प्रसाद से गणित का ट्युशन किया तथा आर्यण कोचिंग में अन्य विषयों की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद ग्रामीण इंटर कॉलेज दीरीपर-बहौदी विगहा से आइएससी की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास किया. इसके साथ ही उसने आइआइटी की प्रवेश परीक्षा में 40वां (पीडब्ल्यूडी) स्थान हासिल कर दिखा दिया कि कोटा, दिल्ली, जैसे बड़े-बड़े शहरों को छोड़ कर ग्रामीण परिवेश में भी रह कर बुलंदियों तक पहुंचा जा सकता है.

निरंजन ने बताया कि शुरू से हीं उसके अंदर कुछ अच्छा करने की ललक थी. एक बड़े उद्देश्य को ध्यान में रख कर मैंने स्कूली शिक्षा से हीं पढ़ाई शुरू की. अपनी इस सफलता का सारा श्रेय अपने माता-पिता को देते हुए निरंजन ने बताया कि शुरुआती दिनों से यदि एक लक्ष्य मान कर तैयारी किया जाय तो कुछ भी असंभव नहीं है.

उन्होंने इंटर परीक्षा के साथ आइआइटी की परीक्षा में एक साथ सफलता हासिल कर ग्रामीण परिवेश में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले लड़के-लड़कियों के लिए एक मिसाल कायम किया है.

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