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नालंदा ने दी श्री विधि की नयी पहचान

* श्री विधि की तकनीक सीखने आयेगी यूपी की टीमबिहारशरीफ (नालंदा) : श्री विधि से धान की खेती करने के गुर सीखने के लिए उत्तरप्रदेश के कृषि विभाग के अधिकारियों व किसानों का दल जुलाई के दूसरे सप्ताह में नालंदा आ रहा है. केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय चावल अनुसंधान निदेशालय के निदेशक डॉ एमसी दिवाकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:54 PM

* श्री विधि की तकनीक सीखने आयेगी यूपी की टीम
बिहारशरीफ (नालंदा) : श्री विधि से धान की खेती करने के गुर सीखने के लिए उत्तरप्रदेश के कृषि विभाग के अधिकारियों व किसानों का दल जुलाई के दूसरे सप्ताह में नालंदा आ रहा है. केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय चावल अनुसंधान निदेशालय के निदेशक डॉ एमसी दिवाकर को इस अवसर पर नालंदा में कैंप करने का निर्देश दिया गया.

उत्तरप्रदेश से आनेवाला दल छह दिनों तक नालंदा में रहेगा और जिले के विभिन्न गांवों में श्री विधि से लगाये गये धान के खेतों का निरीक्षण करेगा. उत्तरप्रदेश के कृषि विभाग के तीन अधिकारी भी इस दौरान नालंदा में मौजूद रहेंगे. नालंदा के प्रगतिशील किसानों व तकनीकी पदाधिकारियों द्वारा उत्तरप्रदेश से आयी टीम को श्री विधि से खेती के गुर बताये जायेंगे.

* धान की उत्पादकता बढ़ी
धान में श्री विधि के प्रयोग से धान की उत्पादकता में जबरदस्त वृद्धि आयी है. आज न केवल बिहार बल्कि पूरे भारत में धान की खेती श्री विधि से करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. श्री विधि को बढ़ावा देने के लिए उनके कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, लेकिन श्री विधि से धान की खेती में बिहार और विशेष कर नालंदा जिले ने जितनी प्रगति की है, वैसी सफलता दूसरे जिलों व दूसरे प्रदेशों को नहीं मिल पायी है.

इस बात को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार के कृषि विभाग के द्वारा विभिन्न राज्यों के कृषि विभाग से जुड़े अधिकारियों को बिहार में खासकर नालंदा जिले में श्री विधि से किये जाने वाली धान की खेती का स्थलीय भ्रमण कर इस तकनीक को प्रभावी तरीके से समझने का निर्देश दिया है.

* धान की खेती में अव्वल होगा भारत
जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो ने बताया कि इसके अलावा महाराष्ट्र एवं अन्य राज्यों के कृषि पदाधिकारी एवं किसान भी श्री विधि तकनीक सीखने के लिए नालंदा आयेंगे. इन कार्यक्रमों से न केवल बिहार बल्कि पूरे भारत में श्री विधि एक महा अभियान का रूप लेगा और पूरे विश्व में भारत धान की खेती में अव्वल बनेगा.

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