डोइया में बकाया मांगने पर महादलित महिला की पिटाई

खास कर गरीब तबका सरकारी अस्पताल में यह उम्मीद के साथ आता है कि उसका बेहतर इलाज हो जायेगा. जिले का सदर अस्पताल जरूरतमंदों की उम्मीदों पर कितना खड़ा उतर रहा है,यह देखने की बात है. इलाज तो दूर की बात सीधी मुंह बात करने से भी यहां कन्नी काटी जाती है. गंभीर घटनाओं की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2014 1:00 AM

खास कर गरीब तबका सरकारी अस्पताल में यह उम्मीद के साथ आता है कि उसका बेहतर इलाज हो जायेगा. जिले का सदर अस्पताल जरूरतमंदों की उम्मीदों पर कितना खड़ा उतर रहा है,यह देखने की बात है. इलाज तो दूर की बात सीधी मुंह बात करने से भी यहां कन्नी काटी जाती है.

गंभीर घटनाओं की चपेट में आये रोगियों को पहले कांड दर्ज करने का फरमान सुनाया जाता है,जबकि नियम कहता है कि वारदात के शिकार आये पीड़ितों की जानकारी सदर अस्पताल स्वयं पुलिस को देते हुए इलाज तत्काल शुरू कर सकता है.सरकारी अस्पतालों में बतौर पुलिस कॉल के नाम से एक रजिस्टर भी रखा जाता है.
बिहारशरीफ(नालंदा) : महज एक हजार रुपये की खातिर दबंगों ने एक महादलित महिला को पैरों से धुन डाला. इस घटना में महिला के कमर पर गंभीर चोट पहुंची है. घटना नूरसराय थाना क्षेत्र के डोइया गांव में शुक्रवार की सुबह घटी. आश्चर्य की बात तो यह है कि इलाज के लिए अपने पति व पुत्र के साथ सदर अस्पताल आयी पीड़िता को पहले घटना से संबंधित कांड दर्ज करने का तुगलकी फरमान सुना कर वापस भेजा जा रहा था.
कमर के दर्द से कराह रही पीड़िता इमरजेंसी वार्ड के बाहर लगे चेयर पर करीब दो घंटे पड़ी रही. उसे कोई बेड पर ले जाने वाला भी नहीं था. बाद में मीडिया के हस्तक्षेप के बाद महिला को भरती कर उसके इलाज की प्रक्रिया शुरू की गयी. पूरे प्रकरण की जानकारी देते हुए पीड़िता के पति व डोइया गांव निवासी ब्रहदेव रविदास ने बताया कि शुक्रवार की सुबह वह अपनी पत्नी के साथ गांव स्थित एक खेत में पटवन के लिए जा रहा था.
इसी बीच गांव के एक दबंग द्वारा पैसे के विवाद को लेकर पहले हमारे साथ मारपीट की गयी,जब इस बात का विरोध पत्नी द्वारा किया गया तो उसे मौके पर जम कर पिटाई की गयी. मारपीट के दौरान जमीन पर गिरी पत्नी को दबंग द्वारा अपने पैरों से पिटा गया,इस हादसे में पत्नी के कमर में गंभीर चोट आयी है.पीड़िता का पति ने बताया कि गांव का उक्त व्यक्ति के खेत पर मैं व मेरी पत्नी ने मजदूरी किया था.
मजदूरी की कुल राशि एक हजार पचपन रुपया था. रुपये की मांग काफी दिनों से हमारे द्वारा किया जा रहा था. इसी बात को लेकर उक्त दबंग द्वारा घटना को अंजाम दिया गया है. इस घटना के बाद जब वह पत्नी का इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचे तो इमरजेंसी वार्ड में बैठे एक स्वास्थ्य कर्मी ने कहा गया कि पहले घटना से संबंधित कांड दर्ज करा लो.श्री रविदास ने पत्रकारों को बताया कि उसके द्वारा इलाज से पूर्व दो रुपये का भुगतान कर पुरजा भी ले लिया गया था.
* इमरजेंसी वार्ड में नहीं थे कोई चिकित्सक
दोपहर के करीब एक बज कर तीस मिनट पर पीड़िता अपने पति व पुत्र के साथ इलाज के लिए सदर अस्पताल में आयी थी,उस वक्त इमरजेंसी वार्ड में कोई भी चिकित्सक उपलब्ध नहीं थे,चिकित्सकों के नहीं आने का सिलसिला दोपहर के दो बज कर तीस मिनट तक यथावत बना रहा.
* प्रभारी डीएम ने कहा,मामले की होगी जांच
नालंदा की प्रभारी जिलाधिकारी रचना पाटील ने टेलीफोन पर बताया कि पूरे मामले की जांच करायी जायेगी,उन्होंने बताया कि जिस किसी ने पहले मरीज के परिजन से कांड दर्ज करा कर इलाज कराने की बात कही है,उसकी पहचान जिला प्रशासन अपने स्तर से करेगा.इस मामले की विस्तृत जानकारी सदर अस्पताल प्रशासन से लिये जाने की बात उन्होंने कही.
इस संबंध में पूछे जाने पर सदर अस्पताल उपाधीक्षक शैलेंद्र कुमार ने बताया कि जब पीड़ित महिला इलाज के लिए सदर अस्पताल आयी,उस वक्त वह अस्पताल के सभी चिकित्सकों के साथ अपने चैंबर में मेडिकल बोर्ड को लेकर बैठक कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इमरजेंसी वार्ड में हमेशा चिकित्सक मौजूद रहते हैं.

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