बिहारशरीफ (नालंदा) : अगर आप डेयरी का व्यवसाय करने के इच्छुक हैं और आपके गांव में दूध समिति पूर्व से कार्यरत नहीं है, तो आपके लिए दूध संग्रह केंद्र खोलने का सुनहरा अवसर है. कंफेड द्वारा ऐसे गांवों में अभियान चला कर दूध संग्रह केंद्र खोले जा रहे हैं.
जिस रूट में कंफेड की दूध वाहक गाड़ी चलती है, उस रूट के गांवों के लिए यह सुनहरा अवसर है. जिस रूट में कंफेड की दूध वाहक गाड़ी नहीं चलती है, उस रूट में भी दूध समितियां खोली जा रही हैं. जिस रूट में कंफेड की दूध वाहक गाड़ियां नहीं चलती है, उस रूट में एक साथ 10 से 12 गांवों में दूध समितियां खोली जा सकती हैं. कंफेड की सिलाव से गिरियक वाली रूट में एक भी दूध समितियां नहीं है. इस रूट में कंफेड के अधिकारी द्वारा अभियान चलाकर गांव वालों से संपर्क कर उन्हें दूध समिति खोलने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
* जीविका से खुले 140 केंद्र
कंफेड द्वारा जीविका के सहयोग से जिले में 140 दूध संग्रह केंद्र खोले गये हैं. जीविका द्वारा इन गांवों में महिलाओं का समूह बनाकर उन्हें दूध उत्पादन का व्यवसाय करने के लिए प्रेरित किया गया है. मई तक जीविका के सहयोग से 140 दूध संग्रह केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे पूरा कर लिया गया है. जीविका के इन दूध संग्रह केंद्रों द्वारा करीब छह हजार लीटर दूध का संग्रह प्रतिदिन किया जा रहा है.
* 900 ऑरगेनाइज्ड समितियां
जिले में कंफेड की 900 ऑरगेनाइज्ड समितियां कार्य कर रही हैं. इन समितियों के माध्यम से प्रतिदिन 51 हजार लीटर दूध का संग्रह किया जा रहा है. इन समितियों के माध्यम से हजारों लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है. कंफेड के माध्यम से दूध उत्पादक किसानों को दुधारू मवेशी बैंक लोन के माध्यम से उपलब्ध कराये गये हैं.
* चार दूध शीतक केंद्र कार्यरत
दूध को सुरक्षित रखने के लिए जिले में चार दूध शीतक केंद्र कार्य कर रहे हैं. इनमें बिहारशरीफ, एकंगरसराय, मुढ़ारी व अस्थावां दूध शीतक केंद्र शामिल हैं. बिहारशरीफ दूध शीतक केंद्र की क्षमता 15 हजार ली, मुढ़ारी की क्षमता 15 हजार लीटर, अस्थावां की 15 हजार लीटर व एकंगरसराय की क्षमता 10 हजार लीटर दूध की है.
* खुलेंगे दूध शीतक केंद्र
इसके अलावा कंफेड द्वारा तीन स्थानों पर नये दूध शीतक केंद्र खोले जायेंगे. इनमें बरबीघा, सरमेरा व वेन शामिल है. इन दूध शीतक केंद्रों के खुल जाने के बाद जहां दूध को सही सलामत रखने में कोई परेशानी नहीं होगी, वहीं क्षेत्र के दूध उत्पादकों को भी सहूलियत होगी.
* दूध पाउडर प्लांट सितंबर से
बिहारशरीफ में बन रहे 4 लाख लीटर क्षमता दूध प्लांट में सितंबर माह से पाउडर प्लांट ट्रायल बेसिस पर कार्य करने लगेगा. फिलहाल इस प्लांट में दूध प्रोसेसिंग का कार्य चालू है. यहां प्रतिदिन करीब डेढ़ लाख लीटर दूध की प्रोसेसिंग कर झारखंड भेजा जा रहा है.
* शेखपुरा में दूध संग्रह केंद्र खोलने पर जोर
नालंदा के अलावा शेखपुरा में भी दूध संग्रह केंद्र खोलने पर जोर दिया जा रहा है. शेखपुरा में फिलहाल नौ हजार लीटर दूध का संग्रह किया जा रहा है. इस कार्य में 140 दूध समितियां लगी हुई हैं. इसके अलावा बरबीघा-सुमानपुर-कन्हौली रूट, बरबीघा-शेखोपुरसराय-कुंसुंभा घाट, बरबीघा-पुरैनी रूट में महीने तक कई और दूध संग्रह केंद्र खोले जायेंगे.
* जिले में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए गांव-गांव में दूध संग्रह केंद्र खोला जा रहा है. इसके लिए अभियान चलाया जा रहा है. इन गांवों में दूध समिति नहीं है, उन गांवों के लोगों को इसके लिए प्रेरित किया जा रहा है
प्रेमरंजन, इंचार्ज, चिलिंग प्लांट