आणंद की राह पर चल पड़ा नालंदा
बिहारशरीफ (नालंदा) : 04 लाख लीटर क्षमता वाले नालंदा डेयरी प्रोजेक्ट संयंत्र की आवश्यकता को पूरा करने के उद्देश्य से डेयरी प्रोजेक्ट ने दूध उत्पादक समितियां खोलने का अभियान शुरू किया है. इसके तहत गांव-गांव में दूध समितियां खोली जा रही है. फिलवक्त नालंदा में 711 दूध उत्पादक सहयोग समितियां संचालित हो रही हैं. जीविका […]
बिहारशरीफ (नालंदा) : 04 लाख लीटर क्षमता वाले नालंदा डेयरी प्रोजेक्ट संयंत्र की आवश्यकता को पूरा करने के उद्देश्य से डेयरी प्रोजेक्ट ने दूध उत्पादक समितियां खोलने का अभियान शुरू किया है. इसके तहत गांव-गांव में दूध समितियां खोली जा रही है.
फिलवक्त नालंदा में 711 दूध उत्पादक सहयोग समितियां संचालित हो रही हैं.
जीविका के 140 दूध उत्पादक सहयोग समितियां भी कार्यरत हैं. डेयरी प्रोजेक्ट का प्लान बड़े-बड़े गांवों में एक अतिरिक्त महिला दूध उत्पादक सहयोग समितियां खोलने का है. जिले में 711 दूध समितियों के माध्यम से प्रतिदिन 65 हजार लीटर दूध का संग्रह हो रहा है.
एक सप्ताह के अंदर जिले में तीन अन्य दूध उत्पादक सहयोग समितियां भी खोली जायेंगी. इन 711 दूध समितियों में से जिले के 30 हजार दूध उत्पादक किसान जुड़े हुए हैं. जिले में दूध की बढ़ती संख्या को देखते हुए कई दूध शीतक केंद्र खोले गये हैं.
शेखपुरा में हो रहा 13 हजार लीटर उत्पादन
नालंदा डेयरी से ही जुड़े समीपवर्ती जिला शेखपुरा में प्रतिदिन करीब 13 हजार लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है. जिले में 160 दूध उत्पादक सहयोग समितियां संचालित है. शेखपुरा में जनवरी माह तक 10-15 नये दूध समितियां खोलने का लक्ष्य है. बरबीघा में 15 हजार लीटर क्षमता व चेवाड़ा में 05 हजार लीटर क्षमता वाले दूध शीतक केंद्र शीघ्र खोले जायेंगे.