बकायेदारों से वसूली की रफ्तार धीमी

बिहारशरीफ (नालंदा) : जिला प्रशासन के प्रयास के बाद भी बकायेदारों से बकाया राशि की वसूली की गति काफी धीमी है. गत माह तक जिले में नीलाम पत्र के कुल लंबित 10169 मामलों में से महज 238 मामलों का निष्पादन किया गया है. वहीं कुल एक अरब 7 करोड़ 50 लाख 57 हजार 548 रुपये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2014 10:22 AM
बिहारशरीफ (नालंदा) : जिला प्रशासन के प्रयास के बाद भी बकायेदारों से बकाया राशि की वसूली की गति काफी धीमी है. गत माह तक जिले में नीलाम पत्र के कुल लंबित 10169 मामलों में से महज 238 मामलों का निष्पादन किया गया है. वहीं कुल एक अरब 7 करोड़ 50 लाख 57 हजार 548 रुपये 75 पैसे के विरुद्ध अब तक महज 2 करोड़ 36 लाख 1 हजार 836 रुपये 35 पैसे की वसूली की जा सकी है.
कुल लंबित वादों में 7244 मामले बैंक ऋण से संबंधित एवं 2662 मामले नन बैंकिंग से संबंधित हैं. इनमें बैंकिंग से संबंधित डिमांड राशि 38 करोड़ 23 लाख 42 हजार 315 रुपये 8 पैसे एवं नन बैंकिंग से संबंधित डिमांड राशि 66 करोड़ 7 लाख 90 हजार 398 रुपये 59 पैसे शामिल है. बैंकिंग से संबंधित नीलाम पत्र वादों को विभिन्न राष्ट्रीयकृत स्थानीय बैंकों द्वारा डिफॉल्टर ऋणधारियों से बकाया राशि की वसूली के लिए दायर किया गया है.
जबकि नन बैंकिंग में विभिन्न सरकारी विभागों के मामले शामिल हैं, इनमें अधिकांश मामले आंतरिक संसाधन से संबंधित विभागों से जुड़े हैं. जो बड़े बकायेदारों से राजस्व राशि वसूली के लिए दायर किये गये है. जिले में नीलाम पत्र वादों के निष्पादन के लिए कुल 43 नीलाम पत्र पदाधिकारियों को अधिकृत किया गया है. जिनके द्वारा बकायेदारों से राजस्व वसूली के तहत निर्धारित कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जा रही है. इस दौरान अब तक सभी 10169 वादों से संबंधित बकायेदारों पर नोटिस, 501 के विरुद्ध डिस्ट्रेस वारंट व 791 बकायेदारों के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट संबंधित कोर्ट द्वारा जारी किया गया है.
39 बकायेदारों पर एसएफसी का 54.69 करोड़ बकाया
वर्तमान में राज्य खाद्य निगम से संबंधित 39 नीलाम पत्र वाद नीलाम पत्र दाधिकारी के समक्ष कुल 54 करोड़ 69 लाख 20 हजार 72 रुपये 19 पैसे की वसूली के लिए लंबित है. इनमें से एक भी मामले का निष्पादन नहीं किया जा सका है. हालांकि बकायेदारों से एक करोड़ 83 हजार 100 रुपये की वसूली की गयी है. कुल नीलाम पत्र वादों में से ज्यादातर वैसे मिलरों के विरुद्ध दायर किया गया है, जिन्होंने अधिप्राप्ति के प्राप्त धान को मिलिंग के बाद निर्धारित मात्र में सीएमआर राज्य खाद्य निगम को नहीं लौटाया है. नीलाम पत्र वादों से संबंधित कई मामले में बकायेदारों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गयी है. वर्ष 2011-12 से संबंधित मामलों में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा संबंधित नीलाम पत्र न्यायालय को वसूली के लिए कोएर्सिप स्टेप लेने पर रोक लगा दी गयी थी. इस आदेश के विरुद्ध राज्य खाद्य निगम द्वारा न्यायालय में एलपीए दायर कया गया है. वर्ष 2012-13 में 31 दिसंबर 2013 तक सीएमआर नहीं लौटाने वाले मिलरों में से आधे पर नीलाम पत्र वाद दायर कया गया है, जबकि आधे मिलरों द्वारा बकाया सीएमआर के समतुल्य राशि जमा का दी गयी है. राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक सुशील कुमार ने बताया कि वर्ष 2013-14 के खरीफ मौसम में मिलिंग के लिये दिये गये धान के विरुद्ध सीएमआर लौटाने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2014 निर्धारित की गयी है. इस तिथि के बाद मिलरों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी.
फर्जी बकायेदारों से परेशानी
बैंक ऋण, वाहन टैक्स सहित कई नीलाम पत्र से संबंधित वादों में फर्जी बकायेदारों के कारण डिमांड राशि की वसूली में परेशानी आ रही है. जिला परिवहन पदाधिकारी सह नीलाम पत्र पदाधिकारी ब्रजेश कुमार ने बताया कि बड़ी संख्या में वाहनों क निबंधन वाहन मालिकों द्वारा फर्जी पते पर की गयी है. इसके कारण उनके नाम व पता के सत्यापन में बाधा उत्पन्न हो रही है. इसी तरह के कई मामले बैंक ऋण धारियों से संबंधित प्रकाश में आये है. जिन्हें ढूंढना आसान नहीं है.

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