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बोधगया में आतंकी हमले से जिलावासी सकते में

बिहारशरीफ : बौद्ध सर्किट से जुड़े प्रमुख ऐतिहासिक स्थल बोधगया में सीरियल बम ब्लास्ट के बाद नालंदा में आतंक खतरा बढ़ गया है. जिले के राजगीर, नालंदा व पावापुरी बुद्ध व जैन सर्किट का महत्वपूर्ण ऐतिहासिक व धार्मिक आस्था का केंद्र है. यहां बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आते-जाते रहते हैं. राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:57 PM

बिहारशरीफ : बौद्ध सर्किट से जुड़े प्रमुख ऐतिहासिक स्थल बोधगया में सीरियल बम ब्लास्ट के बाद नालंदा में आतंक खतरा बढ़ गया है. जिले के राजगीर, नालंदा व पावापुरी बुद्ध व जैन सर्किट का महत्वपूर्ण ऐतिहासिक व धार्मिक आस्था का केंद्र है. यहां बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आते-जाते रहते हैं.

राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित दर्जनों पर्यटक स्थल के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचने तथा पर्यटकों में दहशत फैलाने के उद्देश्य से आतंकवादियों द्वारा उक्त स्थलों को निशाने पर ले सकते हैं.

बोधगया के बौद्ध मंदिर परिसर में आतंकियों ने जिस तरीके से सीरियल बिस्फोट को अंजाम दिया, इससे यह स्पष्ट हो गया है कि ऐसे महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा के प्रति सरकार गंभीर नहीं है. मंदिर परिसर में दस से अधिक बम लगाने का कार्य में निश्चित रूप से बख्त लगा होगा, लेकिन इस दौरान न तो प्रशासन को और न हीं मंदिर प्रबंधन को इसकी भनक लगी, यह सुरक्षा के प्रति गंभीर लापरवाही मानी जायेगी.

देश की शीर्ष एजेंसियों द्वारा पूर्व सूचना दिये जाने के बाद भी सुरक्षा के प्रति इस तरह की लापरवाही में बोधगया के बाद नालंदा के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों पर भी आतंकी खतरा बढ़ गया है. बोधगया में 9 सीरियल बम बिस्फोट के बाद भी मात्र दो व्यक्ति के जख्मी होने व मंदिर को नगण्य क्षति होने की घटना को महज संयोग नहीं कहा जा सकता.

इस घटना को आतंकियों के पूर्वाभ्यास व पूर्व चेतावनी के रूप में लिया जाय तो अन्यथा नहीं कहा जायेगा. सरकार व स्थानीय प्रशासन इस घटना के बाद भी अगर नहीं संभला तो भविष्य में नालंदा को भी गंभीर आतंकी हमले का सामना करना पड़ सकता है.

बिहार में वैसे तो आतंकियों का आना-जाना लगा रहता था, लेकिन यहां कोई आतंकी कार्रवाई नहीं किये जाने से लोग महफूज महसूस करते थे, लेकिन बोधगया की घटना के बाद नालंदा वासियों में खासकर पर्यटक स्थलों के आस-पास के लोगों में एक अनजाने खतरे का भय समा गया है.

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