पारा गिरा, और बढ़ेगी ठंड
बिहारशरीफ : मौसम के बदले मिजाज ने जिले के लोगों को परेशान कर दिया है. ठंड बढ़ने, कुहासा छाये रहने व ठंडी हवाएं बहने से लोग परेशान हैं. ठंड से बचने के लिए लोग घरों में दुबके रहने को विवश है. जो लोग घर से बाहर निकल भी रहे हैं तो वे थर-थर कांप रहे […]
बिहारशरीफ : मौसम के बदले मिजाज ने जिले के लोगों को परेशान कर दिया है. ठंड बढ़ने, कुहासा छाये रहने व ठंडी हवाएं बहने से लोग परेशान हैं. ठंड से बचने के लिए लोग घरों में दुबके रहने को विवश है. जो लोग घर से बाहर निकल भी रहे हैं तो वे थर-थर कांप रहे हैं. ठंड की मार से जिले का कोई कोना अछूता नहीं हैं.
रविवार की संध्या से सोमवार की दोपहर तक घना कुहरा छाया रहा. दोपहर को 12 बजे के आसपास केवल घंटे भर के लिए ही धूप निकली. इससे लगा कि अब मौसम साफ होगा. मगर फिर सूर्य बादलों की आगोश में छिप गया. न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गयी है. सोमवार को न्यूनतम तापमान 06 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया. मौसम के इस बदले मिजाज से सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों, बुजुर्गो व मवेशियों को हो रही है. सोमवार को स्कूल जाने वाले बच्चों को कांपते हुए स्कूल जाते हुए देखा गया.
मौसम की मार से हर घर बीमार
मौसम के इस बदले मिजाज से हर घर बीमार होने लगा है. ठंड की वजह से होने वाली बीमारियां घर-घर देखी जा रही है. स्थानीय सदर अस्पताल में प्रतिदिन करीब 300 मरीज आ रहे हैं. इनमें से अधिकतर मरीज ठंड की मार से प्रभावित हैं. यह स्थिति प्रखंडों में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की भी है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रहुई के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ केके मैत्र व अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पावापुरी के चिकित्सक डॉ अजीत कुमार ने बताया कि इन दिनों स्वास्थ्य केंद्र में 70 से 80 मरीज प्रतिदिन आ रहे हैं. इनमें आधे से अधिक अर्थात 50 मरीज ठंड की बीमारियों से पीड़ित होते हैं. ठंड की वजह से रक्तचाप बढ़ जाता है और हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है. जोड़ों के दर्द वालों का दर्द काफी बढ़ जाता है.
ठंड में होने वाली बीमारियां
तापमान में कमी व हवा में नमी के कारण कई प्रकार की बीमारियां परेशान करती है. सिर दर्द, थकान, बुखार, नाक बहना, गले की खरास, दमा का अटैक, सांस की नदी सिकुड़ जाने से सांस फूलने की शिकायत, कोल्ड डायरिया, जोड़ों का दर्द, हार्ट अटैक, खून की नली सिकुड़ने से रक्तचाप बढ़ जाता है. हाथ-पैर की अंगुलियों में रक्त का संचार कम हो जाता है.
ठंड से बचाव को अलाव
ठंड को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा सभी प्रखंडों में दो-दो हजार रुपये अलाव की व्यवस्था करने के लिए उपलब्ध कराये गये हैं. अलाव की व्यवस्था में इतनी कम राशि ऊंट के मुंह में जीरा के फोरम साबित हो रहे हैं.
कुहासे के कारण ट्रेनें चल रही लेट
घने कुहरे का असर ट्रेनों के परिचालन पर भी दिख रहा है. बख्तियारपुर-राजगीर रेलखंड पर राजगीर से खुलने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस दो घंटे विलंब से एवं आने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस 10 घंटे विलंब से चल रही है. इसी प्रकार फतुहा-इस्लामपुर रेलखंड पर हटिया-इस्लामपुर एक्सप्रेस दो घंटे व इस्लामपुर-नयी दिल्ली एक्सप्रेस आठ घंटे विलंब से चल रही है.