जिले में पंचायत सचिव की कमी से परेशानी
बिहारशरीफ (नालंदा) : जिले में पंचायत सचिव की कमी से पंचायत के विकास कार्यो के निष्पादन में परेशानी हो रही है. कुल 249 पंचायतों में महज 152 पंचायत सचिव कार्यरत है. पंचायत सचिव के शेष 97 पद रिक्त हैं. इतनी बड़ी संख्या में पद रिक्त रहने से कार्यरत पंचायत सचिवों को एक से अधिक पंचायतों […]
बिहारशरीफ (नालंदा) : जिले में पंचायत सचिव की कमी से पंचायत के विकास कार्यो के निष्पादन में परेशानी हो रही है. कुल 249 पंचायतों में महज 152 पंचायत सचिव कार्यरत है. पंचायत सचिव के शेष 97 पद रिक्त हैं. इतनी बड़ी संख्या में पद रिक्त रहने से कार्यरत पंचायत सचिवों को एक से अधिक पंचायतों का कार्यभार संभालना पड़ रहा है.
पंचायत स्तर पर संचालित सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में पंचायत सचिव को अहम जिम्मेवारी दी गयी है. मुखिया के साथ पंचायत सचिव को सरकारी योजनाओं से संबंधित राशि की निकासी व खर्च के लिए संयुक्त दायित्व सौंपा गया है. इसके अलावा योजना कार्यो के ससमय व गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराने के लिए पंचायत सचिव को सतत निगरानी करनी पड़ती है.
इन जिम्मेदारियों के निर्वहन में कोताही होने तथा गड़बड़ी पाये जाने पर संबंधित पंचायत सचिव को कार्रवाई का सामना करना पड़ता है. इसकी वजह से एक से अधिक पंचायतों के कार्यो के निष्पादन में वे असहज महसूस करते हैं तथा इससे पंचायत के विकास कार्यो की प्रगति भी प्रभावित होती है. बावजूद इसके सरकार द्वारा रिक्त पदों पर बहाली के लिए कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है. पंचायत सचिव पद पर नियुक्ति बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगिता के माध्यम से किया जाता है.
जिला स्तर से रिक्तियों की सूचना दिये जाने के बाद भी अरसे से बहाली के लिए सरकार द्वारा पहल नहीं की गयी है.