बिहारशरीफ (नालंदा) : छपरा जिले के अंतर्गत भोजन खाने से 22 बच्चों की मौत पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को अस्पताल चौक पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन किया. साथ हीं इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की.
पुतला दहन कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए नालंदा लोकसभा युवा कांग्रेस के अध्यक्ष संजीत कुमार ने कहा कि सरकार को इस घटना की जिम्मेवारी तय कर दोषी लोगों के खिलाफ स्पीडी ट्रायल के माध्यम से कड़ी सजा दिलाना चाहिए. श्री कुमार ने इस घटना में मारे गये बच्चों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, 10-10 लाख रुपये मुआवजा एवं घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग सरकार से की.
इस मौके पर युवा नेता फवाद अंसारी ने कहा कि मध्याह्न् भोजन योजना लापरवाही व भ्रष्टाचार का प्रतीक बन कर रह गयी है. आये दिन मध्याह्न् भोजन खोने से बच्चों के बीमार व मृत्यु होने की घटना होते रहती है. बावजूद सूबे के मुखिया का इस मुद्दे पर मौन आश्चर्यजनक तथा उनकी नियम पर संदेह करने के लिए काफी है.
इस मौके पर राजबल्लभ पासवान, बाल्मीकि यादव, राजीव कुमार यादव, सूर्य कांत चौधरी, एनपी प्रशांत, आरएन दयाल, अजीत कुमार, बच्चन सिंह, ब्यास जी, प्रमोद, चंद्रशेखर, शक्ति पासवान, दिनेश प्रसाद सिंह, शशि कुमार, अनिल कुमार, चंद्रवंशी मौजूद थे.
श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
छपरा जिले के मशरक प्रखंड के अंतर्गत मध्याह्न् भोजन खाने से 22 बच्चों की मौत पर स्थानीय राजेंद्र आश्रम, धनेश्वर घाट में गुरुवार को जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा शोक सभा का आयोजन किया गया. सभा में इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मृतक नौनिहाल बच्चों को श्रद्धांजलि दी गई.
वक्ताओं ने कहा कि यह घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है तथा इसके लिए सरकार अपनी जिम्मेवारी से बच नहीं सकती है. जिला कांग्रेस फ्लैगशिप मॉनिटरिंग कमेटी के मिड डे मील प्रभारी अनुज कुमार की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिला कांग्रेस के अध्यक्षा चंचला कुमारी ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्व में इस योजना में गड़बड़ी की शिकायतों को सरकार द्वारा नजरअंदाज करने का दुष्परिणाम सामने है.
उन्होंने इस घटना की जांच माननीय उच्च न्यायालय के किसी पूर्व न्यायाधीश से कराने की मांग की. इस मौके पर सुनील कुमार अधिवक्ता, राजीव कुमार मुन्ना, संजय महाराज, हैदर आलम, हरिहरनाथ, जगदीश प्रसाद, अजय कुमार, राजेश्वर प्रसाद, रामचंद्र प्रसाद आदि मौजूद थे.