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पुलिस के सामने की आगजनी

बरौनी (बेगूसराय) : छपरा के धरमासती गांव के स्कूल में जहरीला मिड डे मील खाने से 22 मासूम बच्चों की मौत से आक्रोशित छात्रों ने गुरुवार को सड़क पर उतर कर जम कर हंगामा किया. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की बरौनी इकाई के तत्वावधान में दर्जनों छात्रों ने फुलवड़िया थाना क्षेत्र के आरकेसी उच्च विद्यालय, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2013 4:09 AM

बरौनी (बेगूसराय) : छपरा के धरमासती गांव के स्कूल में जहरीला मिड डे मील खाने से 22 मासूम बच्चों की मौत से आक्रोशित छात्रों ने गुरुवार को सड़क पर उतर कर जम कर हंगामा किया.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की बरौनी इकाई के तत्वावधान में दर्जनों छात्रों ने फुलवड़िया थाना क्षेत्र के आरकेसी उच्च विद्यालय, बरौनी के सामने सड़क जाम कर लगभग चार घंटे तक खूब हंगामा किया. विद्यार्थियों के उग्र तेवर को देख कर फुलवड़िया पुलिस मूकदर्शक बनी रही.

एबीवीपी के छात्रों ने पुलिस के सामने ही सड़क पर टायर जला कर आगजनी की तथा सड़क को जाम कर नीतीश सरकार के खिलाफ जम कर विरोध प्रदर्शन किया. सड़क पर छात्रों के हंगामे के कारण जीरोमाइलबरौनी पथ पर घंटों वाहनों का आवागमन ठप रहा. कॉलेज रोड पर सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं.

छात्र नेताओं ने घटना की निष्पक्ष न्यायिक जांच करवाने, मृतक के परिजनों को मुआवजा के तौर पर 10-10 लाख रुपये परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, शिक्षा मंत्री को तुरंत बरखास्त करने, घटना में शामिल दोषी लोगों को फांसी देने आदि मांगों के आलोक में सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया.

हंगामे के कारण फुलवड़िया के थानाध्यक्ष रंजीत कुमार निराला ने घटनास्थल पर आना मुनासिब नहीं समझा. सड़क पर आगजनी होती रही. छात्रों का हंगामा होता रहा और पुलिस के जवान बेफिक्र होकर प्रदर्शनकारियों के कारनामे को देखते रहे.

बाद में फुलवड़िया थाने के पुलिस अवर निरीक्षक शिव प्रसाद रमानी, प्रदीप पांडेय तथा तेघड़ा के पुलिस इंस्पक्टर पृथ्वीचंद्र सिंह ने काफी मशक्कत के बाद आक्रोशित छात्रों को समझाबुझा कर मामले को शांत किया.

बेगूसराय संवाददाता के अनुसार, बिहार अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ, जिला शाखा के सचिव रामउदय पासवान ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि सारण जिले के मशरक में मिड डे मील से बच्चों की मौत के प्रति संघ संवेदना प्रकट करता है. साथ ही संगठन बिहार सरकार से मांग करता है कि मध्याह्न् भोजन तथा असैनिक कार्य से शिक्षकों को मुक्त किया जाय.

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