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विवि की डिजाइन पर फैसला कल

* दिल्ली में शासी निकाय की बैठक में एजेंसी पर बनेगी सहमति* सीएम भी बैठक में हो सकते हैं शामिलपटना/राजगीर : नालंदा यूनिवर्सिटी की डिजाइन पर फैसला पांच मई को हो जोयगा. विवि के मेंटर ग्रुप के आठ सदस्यों में से चार ने शुक्रवार को नालंदा का भ्रमण किया. इस दौरान मेंटर ग्रुप ने आठ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:33 PM

* दिल्ली में शासी निकाय की बैठक में एजेंसी पर बनेगी सहमति
* सीएम भी बैठक में हो सकते हैं शामिल
पटना/राजगीर : नालंदा यूनिवर्सिटी की डिजाइन पर फैसला पांच मई को हो जोयगा. विवि के मेंटर ग्रुप के आठ सदस्यों में से चार ने शुक्रवार को नालंदा का भ्रमण किया. इस दौरान मेंटर ग्रुप ने आठ एजेंसियों की डिजाइन को भी देखी. अर्थशास्त्री लार्ड मेघनाथ देसाई के नेतृत्व में आये चार सदस्यों ने आठों एजेंसियों की डिजाइन को देखी. पांच मई को दिल्ली में विवि की शासी निकाय की होनेवाली बैठक में तय हो जायेगा कि नालंदा विवि की डिजाइन कैसा हो और उसे बनाने का जिम्मा किस एजेंसी को दिया जाये.

शुक्रवार को नालंदा आनेवालों में लार्ड मेघनाथ देसाई के अलावा सिंगापुर के ल्यू थइकेयर, चीन के ली जाओ दांग व जापान के ओसामु इसियामा शामिल थे. इससे पहले मेंटर ग्रुप के चार अन्य सदस्य पहले ही नालंदा विवि के प्रस्तावित स्थल को देख चुके हैं.

शुक्रवार को नालंदा आये मेंटर ग्रुप के चार सदस्यों ने अब तक यूनिवर्सिटी ऑफ नालंदा के प्रस्तावित स्थल को नहीं देखा था. स्थल देखने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में लॉर्ड मेघनाथ देसाई ने बताया कि पांच मई को दिल्ली में भवन निर्माण के लिए सभी आर्किटेक्टों की बैठक बुलायी गयी है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस बैठक में शामिल हो सकते हैं.

बैठक में भवन निर्माण के लिए फाइनल आर्किटेक्ट का चयन किया जायेगा. जिन आर्किटेक्टों का चयन किया जायेगा वे मॉडल बना कर देंगे. निर्णायक मंडल द्वारा उन मॉडलों का अंतिम रूप से चयन किया जायेगा. उन्होंने बताया कि उनके यहां आने का उद्देश्य सूर्य ढलने व उगने के समय प्रस्तावित यूनिवर्सिटी ऑफ नालंदा के लुक को देखना है.

शनिवार की सुबह मेंटर ग्रुप के सदस्य प्रस्तावित स्थल की प्राकृतिक छटा को देखेंगे. विवि की डिजाइन को अंतिम रूप देने से पहले वाटर हार्वेस्टिंग, ऊर्जा बचत, पर्यावरण, प्राकृतिक सौंदर्य व राजगीर की महत्ता को ध्यान में रखा जायेगा. आस-पास के गांवों के लोगों की सहूलियत को भी ध्यान में रखा जायेगा.

प्रदूषण आस-पास के गांवों में न फैले इसका भी ध्यान रखा जायेगा.भवन निर्माण के लिए आर्किटेक्टों के चयन के दौरान निर्माण कंपनी का नाम गुप्त रखा जायेगा और केवल उन्हें कोड दिया जायेगा.

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